इमरजेंसी सेवा और एंबुलेंस माफिया के गठजोड़ से लूट

प्राथमिक उपचार देकर अलीगढ़ आगरा के लिए कर देते हैं रेफर सरकारी अस्पताल के आसपास खड़े रहते हैं प्राइवेट एंबुलेंस के संचालक चार साल पहले बना सिकंदराराऊ का ट्रामा सेंटर चालू नहीं हुआ।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 25 Jul 2021 06:22 AM (IST) Updated:Sun, 25 Jul 2021 06:22 AM (IST)
इमरजेंसी सेवा और एंबुलेंस माफिया के गठजोड़ से लूट
इमरजेंसी सेवा और एंबुलेंस माफिया के गठजोड़ से लूट

जासं, हाथरस : जनपद के कस्बों व ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी अस्पतालों का सच सबको पता है। सीएचसी में इमरजेंसी सेवाएं भी बिना विशेषज्ञ के चल रही हैं। सिकंदराराऊ में ट्रामा सेंटर की बिल्डिग चार साल पहले तैयार की गई थी लेकिन आज तक चालू नहीं हो पाया। इसका फायदा निजी अस्पताल उठा रहे हैं। 24 घंटे इमरजेंसी सेवा के नाम पर लूट मचा रखी है। कस्बों के निजी अस्पतालों का अलीगढ़, हाथरस और आगरा के अस्पतालों से गठजोड़ का खेल चल रहा है। इस गठजोड़ में एंबुलेंस संचालक भी मिले हुए हैं।

ट्रामा सेंटर उपेक्षित : सिकंदराराऊ में जीटी रोड पर चार साल पहले दो करोड़ रुपये की लागत से ट्रामा सेंटर बनवाया गया था। अनदेखी कि इंतहा देखिए कि यह अभी तक चालू नहीं हुआ है। इससे हादसे में घायल गंभीर मरीजों को जिदगी से हाथ धोना पड़ता है, क्योंकि यहां निजी अस्पतालों में भी विशेषज्ञों की कमी है। निजी अस्पताल संचालक इमरजेंसी केस दूसरे जनपदों में निजी डाक्टरों के यहां रेफर करते हैं और बदले में कमीशन पाते हैं।

ये है हकीकत : कुछ प्राइवेट चिकित्सकों ने अपने हास्पिटल में मरीज भर्ती करने की व्यवस्था कर रखी है और जरूरत पड़ने पर अलीगढ़ से डाक्टर बुलाते हैं। प्राइवेट एंबुलेंस संचालक मरीजों की परिस्थिति का नाजायज लाभ उठाते हैं। मरीजों को बातों के जाल में फंसाकर सांठगांठ वाले अस्पतालों में अलीगढ़, आगरा अथवा हाथरस पहुंचा कर कमीशन प्राप्त कर लेते हैं। सिकंदराराऊ में ऐसे कई निजी अस्पताल हैं, जिनके बोर्ड पर लिखा होता है कि मानव सेवा के लिए समर्पित मगर वहां एक बार जो मरीज वहां भर्ती हो जाता है, दुबारा जाने की हिम्मत नहीं जुटा पाता। कई अस्पतालों में सीजेरियन आपरेशन की सुविधा भी उपलब्ध बताई जाती है। अस्पताल में मरीजों को भर्ती करने के लिए बेड भी होते हैं मगर नियमित रूप से कोई विशेषज्ञ डाक्टर नहीं बैठते। अन्य स्टाफ भी योग्य व प्रशिक्षित नहीं होता है। जरूरत पड़ने पर बाहर से डाक्टर बुला लिए जाते हैं। ऐसे में कोई गंभीर मरीज पहुंच भर गया तो उसे प्राथमिक उपचार देकर अलीगढ़, हाथरस व आगरा में परिचित अस्पतालों में रेफर कर दिया जाता है।

वर्जन--

ट्रामा सेंटर चालू करने के लिए जिला स्तरीय अधिकारियों के माध्यम से डिमांड शासन को भेजी जा चुकी है। इसमें विशेषज्ञ डाक्टर के अलावा प्रशिक्षित स्टाफ व अन्य संसाधनों की मांग शामिल है। अभी तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

डॉ. रजनीश यादव, चिकित्साधीक्षक, सीएचसी

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