आस्था का भाव जगाते हैं धार्मिक आयोजन

श्रीमद्भागवत कथा रसामृत का आयोजन तालाब चौराहा स्थित श्रीराम दरबार में हुआ।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 06 Dec 2020 12:14 AM (IST) Updated:Sun, 06 Dec 2020 12:14 AM (IST)
आस्था का भाव जगाते  हैं धार्मिक आयोजन
आस्था का भाव जगाते हैं धार्मिक आयोजन

संवाद सहयोगी,हाथरस: श्रीमद् भागवत कथा रसामृत का आयोजन तालाब चौराहा स्थित श्रीराम दरबार में शनिवार को शुरू हो गया। इसमें प्रवचन महंत सीताराम दास महाराज द्वारा किए जा रहे हैं। इस धार्मिक आयोजन में एकादशी व्रतोद्यापन करने का भी अवसर सभी श्रद्धालुओं को मिलेगा।

इस धार्मिक आयोजन में पहले दिन कथा व्यास द्वारा श्री गणेश पूजन कथा व शुकदेव आगमन कथा पर प्रवचन किए। उन्होंने कहा कि धार्मिक आयोजनों का बड़ा ही महत्व है। भागवत कथा सुनने से भाग्योदय होता है। वहीं इसके श्रवण से ज्ञान की प्राप्ति के साथ शारीरिक कष्ट भी दूर होते हैं। घर में सुख-शांति का वास होता है। बच्चों में भी संस्कार पनपता है। इतना ही नहीं धार्मिक आयोजनों में सहभागिता करने से धर्म के प्रति कई प्रकार के संशय भी दूर हो जाते हैं। इससे आस्था का भाव जाग्रत होता है। अहंकार नष्ट होता है। इतना ही नहीं कथा श्रवण से सच्चे सुख व शांति की अनुभूति होती है। इसलिए लोगों को धार्मिक आयोजनों में बढ़-चढ़कर सहभागिता करनी चाहिए। रविवार को इस धार्मिक आयोजन में विदुर प्रसंग, कपिल देवहूति संवाद, ध्रुव चरित्र, सती चरित्र आदि लीलाओं का वर्णन किया जाएगा।

शहर में निकाली गई कलशयात्रा

भागवत कथा शुरू होने से पूर्व नगर में कलश यात्रा निकाली गई। यह कलशयात्रा तालाब चौराहा स्थित मंदिर परिसर से शुरू होकर शहर के बाजारों से होती हुई वापस मंदिर परिसर में आकर समाप्त हुई। इन कलशों को कथा स्थल पर विधिवत पूजा-अर्चना के साथ स्थापित किया गया। इस मौके पर मनोज, दीपक, पं.भोलाशंकर, गोपाल, पं. संदीप कृष्ण आदि मौजूद थे।

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