बुखार कैसा भी हो, जरूरी है सावधानी
लक्षण नजर आएं तो जांच अवश्य कराएँ शारीरिक दूरी बनाएं न कि भावनात्मक।
संवाद सहयोगी, हाथरस : कोराना काल में कैसा भी बुखार हो, सावधानी बरतना •ारूरी है। बुखार आने के बाद तुरंत कोरोना की जांच कराएं। यदि शरीर में दर्द, जुकाम, खांसी या फिर बुखार के लक्षण महसूस हों तो सबसे पहले अपने आप को आइसोलेट कर लें। इससे यह बीमारी बाकी लोगो में फैलने से बचेगी। आइसोलेशन का यह मतलब भी नहीं है कि परिजन मरीज की कोई खबर ही न लें। ऐसा करने से मरीज की इच्छाशक्ति कम होती है और बीमारी भी बढ़ती है। मरीज से सुरक्षित दूरी पर रहकर मिलें। मॉस्क अवश्य लगाएं।
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. मधुर कुमार ने बताया कि कोरोना टेस्ट कराने के बाद रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर बिल्कुल न घबराएं। कितने ही लोगों को तो इस बात का आभास तक नहीं होता कि वह कब पॉजिटिव हो गए और समय के साथ निगेटिव भी हो गए। अधिकतर मामलों में हल्का बुखार और जुकाम-खांसी होती है। इसलिए रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर पैनिक न हों। चिकित्सक की सलाह पर ही दवा लें। चिकित्सक के संपर्क में रहें। घर में बाकी परिजनों से थोड़ी दूरी बनाकर रहें और मन व मस्तिष्क को शांत रखते हुए आराम करें। शरीर में ऑक्सीजन का लेवल कम होने का शक हो तो छह-सात मिनट तेज चलकर देखें। यदि ऐसा करने से परेशानी बढ़ती है तो ऑक्सीमीटर की व्यवस्था करें। शरीर में ऑक्सीजन का सेच्युरेशन 94 से लेकर 98 के बीच रहना अच्छा माना जाता है। 94 से कम होने पर मॉनीटरिग की जरूरत होती है, यानी आपको लगातार चिकित्सक के संपर्क में रहना चाहिए। बेहतर ऑक्सीजन लेवल के लिए आप पेट के बल लेट (प्रोनिग पॉजीशन) सकते हैं। कई बार नाक बंद होने से भी शरीर को ऑक्सीजन की आपूर्ति कम हो जाती है, ऐसे में भाप लें। ज्यादा दिक्कत होने पर चिकित्सक की सलाह पर नेबुलाइज भी कर सकते हैं। नकारात्मक खबरों से अपने आपको अलग रखने का प्रयास करें। कोरोना पॉजिटिव होने पर बेशक शरीर को आराम की जरूरत होती है, लेकिन श्वसन से जुड़े व्यायाम जारी रखना बेहतर बताया गया है। डीप ब्रीदिग ऑक्सीजन बढ़ोतरी करती है और फेफड़ों की सक्रियता बनी रहती है। बोलीं मनोचिकित्सक
क्लीनिकल मनोचिकित्सक, रिकी लकड़ा ने बताया कि जिस विषय के बारे में हम ज्यादा सोचते हैं, बात करते हैं, वह हमारे मन और शरीर पर ज्यादा प्रभाव डालता है। यदि कोई कोरोना पॉजिटिव है या निगेटिव है तो वह कोरोना से जुडी न्यू•ा देखना बंद कर दे। मोबाइल का कम से कम इस्तेमाल करें। टीवी पर अपने मनपसंद कार्यक्रम देखें। खुद पर भरोसा रखें व अपनी सुरक्षा का भी पूरा ख्याल रखें।