दिव्यांगजन विभाग में गड़बड़ी के बाद खंगाले जा रहे रिकार्ड

दो महीने तक बकाया होने के आरोप में विभाग ने भेजे थे 40 को नोटिस और दिव्यांगों के नाम से तो भी नहीं बना दिए फर्जी ढंग से चेक?।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 24 Jun 2021 01:21 AM (IST) Updated:Thu, 24 Jun 2021 01:21 AM (IST)
दिव्यांगजन विभाग में गड़बड़ी के बाद खंगाले जा रहे रिकार्ड
दिव्यांगजन विभाग में गड़बड़ी के बाद खंगाले जा रहे रिकार्ड

जासं, हाथरस : बिना आवेदन 10 हजार रुपये का ऋण देने और उस पर ब्याज समेत नोटिस के मामले के बाद दिव्यांगजन विभाग में खलबली मची है। दो महीने में ऐसे 40 नोटिस भेजे गए हैं, इसलिए इसकी भी पड़ताल कराई जा रही है कि कहीं इसी तरह के नोटिस और दिव्यांगों के पास तो नहीं पहुंच गए हैं।

यह है मामला : ब्लाक सहपऊ के गांव नारायणपुर बाद के दिव्यांग धर्मवीर सिंह को दिव्यांगजन विभाग की ओर से वसूली नोटिस भेजा गया था, जिसमें कहा गया था कि वित्तीय वर्ष 2010-11 में रोजगार के लिए 10 हजार रुपये लोन लिया मगर जमा नहीं किया। ब्याज सहित 16800 रुपये जमा नहीं किया तो आरसी जारी होगी। धर्मवीर का दावा है कि उन्होंने लोन के लिए आवेदन ही नहीं किया था।

जांच के निशाने पर स्टाफ : बताया जा रहा है कि हाथरस में स्थित विकास भवन में जिला दिव्यांगजन विभाग का आफिस है जिसमें दो से तीन कर्मचारियों का स्टाफ है। ये स्टाफ अब से नहीं कई कई साल से जमा है। 10 साल पहले लाभार्थी को चेक के जरिए ऋण आदि का भुगतान किया जाता था। अब ऑन लाइन व्यवस्था है। चेक के जरिए ऋण देने की व्यवस्था थी, तभी से एक दो कर्मचारी जमे हैं, जिनके बारे में पहले भी शिकायतें आती रही हैं। ये कर्मचारी लोकल बताए गए हैं। इनकी मिलीभगत की संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता है।

चेक बना तो गया कहां : जिला दिव्यांगजन अधिकारी प्रतिभापाल ने बताया था कि 10 साल पहले लाभार्थी का चेक बना था। तभी रजिस्टर पर नाम है। अगर चेक बना था तो फिर अचानक विभाग की अलमारी से कहां लापता हो गया? चेक को जमीन निगल गई या आसमान। यही नहीं दिव्यांग धर्मवीर समेत 40 लोगों को नोटिस भेजे गए हैं। और लोगों के साथ भी ऐसी गड़बड़ी सामने आ सकती है। वर्जन

हर बिदु पर जांच कराई जाएगी। दिव्यांग ने लोन लिया ही नहीं तो फिर नोटिस ब्याज समेत क्यों भेजा गया? इस संबंध में दिव्यांगजन अधिकारी से जबाव तलब किया गया? है। इसके अलावा कहा गया? है कि ये लापरवाही किस स्तर पर किसने की रिपोर्ट दी जाए।

आरबी भास्कर, सीडीओ हाथरस।

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