पशु पालकों को भा रहा पंजाबी भूसा
महंगाई की मार से पशुओं का चारा भी नहीं बच पा रहा है। पिछले एक माह में भूसे की कीमत दोगुनी हो गई है।
संवाद सहयोगी,हाथरस : महंगाई की मार से पशुओं का चारा भी नहीं बच पा रहा है। पिछले एक माह में भूसे की कीमत दोगुने तक पहुंच गई है। बाजार में पंजाब से आया भूसा सबसे ज्यादा पसंद किया जा रहा है। पैकेटों के रूप में भूसा मंडी में बिक रहा है। चारा महंगा होने से पशुपालकों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
भूसे पर महंगाई का असर पशु पालकों पर पड़ रहा है। पशुओं को मिलने वाली खुराक में कटौती होने लगी है। चारे के रूप में सबसे अधिक आपूर्ति गेहूं की फसल से निकले भूसे से होती है। जिले में जो भूसा आ रहा है उसमें भी धान का पुआल मिला हुआ है। मेंडू रोड पर भूसे की मंडी में सुबह गाड़ियों की संख्या कम हो गई है। भूसा 12 रुपये प्रति किलोग्राम तक बिक रहा है। दो माह पहले इसकी कीमत छह रुपये प्रति किलोग्राम रही थी। इसके अलावा पुआल का भूसा व हरा चारा भी आठ से दस रुपये किलोग्राम बिक रहा है। अन्य कृषि उत्पादों में बिनौले, खर, गुड़ व अन्य उत्पाद पहले से ही महंगे बिक रहे हैं।
पशु पालकों की पसंद बना पंजाब का भूसा
जिले के आसपास क्षेत्रों से अब भूसा की आपूर्ति बहुत कम हो गई है। अलीगढ़, मथुरा, एटा से भी यहां भूसा पहुंच रहा है। सबसे अधिक पंजाब का भूसा पसंद आ रहा है। यह भूसा 11 से 12 रुपये प्रति किलोग्राम बिक रहा है।
इनका कहना है-
चारा महंगा होने से दिक्कतें और बढ़ गई हैं। दुधारू पशुओं को तो महंगी कीमतों पर भूसा खरीद कर खिलाया जा रहा है। धान की पुआल वाला भूसा भी सात से आठ रुपये किलोग्राम बिक रहा है।
- रामबाबू, पशुपालक
इन दिनों में महंगाई खानपान पर ही नहीं चारा पर बढ़ गई है। आटा, भूसा, हरा चारा की महंगाई दो माह में दोगुनी कीमत बढ़ गई हैं। अप्रैल के बाद ही चारा सस्ता होने के आसार हैं।
-योगेश त्रिपाठी, पशुपालक
मंडी में आसपास से कम भूसा आ रहा है। पंजाब के भूसे की आवक बढ़ी है। इसकी गुणवत्ता भी काफी अच्छी है। एक से डेढ़ क्विटल के पैकेट बन कर आ रहे हैं।
- राजकुमार, भूसा विक्रेता