बारावफात पर सासनी व हसायन में निकला जुलूस

पैगंबर मुहम्मद साहब के जन्मदिन पर मुस्लिम बस्तियों और धर्म स्थलों को रंग बिरंगी लाइटों से सजाया गया।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 20 Oct 2021 01:18 AM (IST) Updated:Wed, 20 Oct 2021 01:18 AM (IST)
बारावफात पर सासनी व हसायन में निकला जुलूस
बारावफात पर सासनी व हसायन में निकला जुलूस

जासं, हाथरस : जनपद में मंगलवार को बारावफात का त्योहार मुस्लिम समाज के लोगों ने उल्लास से मनाया। कोविड के कारण सार्वजनिक आयोजन की मनाही की गई थी मगर उल्लास में डूबे लोगों ने कुछ स्थानों पर जुलूस निकालकर खुशियां साझा कीं।

बारावफात अर्थात ईद मीलाद-उन-नबी इस्लाम का प्रमुख त्योहार है। इस दिन पैगंबर मुहम्मद साहब का जन्मदिन मनाया जाता है। उन्हें श्रद्धा से याद किया जाता है और उनका शुक्रिया अदा किया जाता है। मंगलवार की देर शाम मुस्लिम बस्तियों और धर्म स्थलों को रंग बिरंगी लाइटों से सजाया गया था।

सासनी कस्बा के मोहल्ला कस्साबान स्थित नूरी मस्जिद पर त्योहार परंपरागत रूप से धूमधाम से मनाया गया। जुलूस का शुभारंभ फीता काटकर मूलचंद निम ने किया। हजरत मुहम्मद साहब की पैदाइश की खुशी में निकला जुलूस शाह बिलाली दरगाह शरीफ से शुरू होकर मोहल्ला कस्साबान रामलीला ग्रांउड, कमला बाजार, गांधी चौक होकर आगरा-अलीगढ़ रोड होता हुआ बस स्टैंड से कोतवाली चौराहा होते हुए नानऊ रोड स्थित शाह बिलाली की दरगाह पहुंचा। उसके बाद मोहल्ला कस्साबान पहुंचकर जुलूस का विधिवत समापन हुआ। जगह-जगह लोगों ने जलूस का स्वागत किया। इस मौके पर मास्टर कल्लू हसन, दिलशाद हसन बिलाली, वसीम, छिगा, निजाम, जाकिर, शाहरुख, कमरुद्दीन, रवि, आरिफ अमजद, इरफान बिलाली, हाफिज उसमान मौजूद थे।

सादाबाद में मुस्लिम समाज के लोगों ने मस्जिद में जाकर नमाज पढ़ी और मुहम्मद साहब के दिखाए रास्ते को अपनाने का संकल्प लिया। इस दौरान बताया गया कि मानवता, सच्चाई और धर्म का संदेश देने वाले पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब का जन्म इसी दिन हुआ था। तमाम लोग दरगाह, इस्लामिक दर्शनीय स्थलों के लिए भी गए, क्योंकि जो व्यक्ति इस दिन को नियम से निभाता है, वह अल्लाह के और भी करीब हो जाता है और उसे अल्लाह की विशेष रहमत प्राप्त होती है। अल्लाह से अमन व तरक्की की दुआ मांगी गई। प्रशासनिक अनुमति न मिलने के कारण इस बार कस्बे में बारावफात के मौके पर जुलूस ए मुहम्मदी तो नहीं निकल सका, मगर लोगों ने घरों और मस्जिदों में इस मुबारक दिन को उत्साह के साथ मनाया।

हसायन कस्बे में बारावफात के जुलूस का शुभारंभ जामा मस्जिद से हुआ, जो कस्बे के मुख्य बाजार में होते हुए निकाला गया। भारी भीड़ को मद्देनजर रखते हुए पुलिस प्रशासन ने पुलिस फोर्स लगाकर सुरक्षा व्यवस्था की। जुलूस के चलते दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। जुलूस में सपा नेता जाहिद अली फौजी, रामेश्वर सिंह यादव, शरारुद्दीन कुरैशी, मुन्ना खान, शब्बीर अहमद, नौशाद कुरैशी मौजूद थे। इनसेट --

जुलूस की अनुमति न

मिलने पर नाराजगी

संसू, सादाबाद : कोविड को देखते हुए प्रशासन ने जुलूस-ए-मुहम्मदी की अनुमति नहीं दी जिससे मुस्लिम समाज के लोगों ने नाराजगी जताई। मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन एसडीएम को देते हुए अपनी बात रखी।

डिफा फाउंडेशन की ओर से उपजिलाधिकारी अंजली गंगवार को ज्ञापन देते हुए कहा गया कि मुस्लिम समाज की ओर से आयोजित किए जाने वाले कार्यक्रमों की अनुमति किस आधार पर रोकी गई है? यह समझ से परे है, जबकि प्रदेश में योगी सरकार धार्मिक सद्भावना बनाए रखने का मंत्रोच्चार करती रहती है। ऐसी स्थिति में धार्मिक सद्भाव किस आधार पर कायम रह सकेगा? जबकि अन्य धार्मिक व पारंपरिक कार्यक्रम बेरोक-टोक आयोजित किए जा रहे हैं।

डिफा फाउंडेशन के चेयरमैन डा. नूर मोहम्मद ने बताया कि फाउंडेशन धर्मनिरपेक्ष संगठन है और सभी धर्मों का सम्मान करता है। सामाजिक रूप से भी सभी धर्मों की समय-समय पर मदद करता है। मुस्लिम समाज को जुलूस के आयोजन की अनुमति न दिए जाने के उदासीन रवैये का सख्त विरोध करता है। इस मौके पर भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के जिलाध्यक्ष हाफिज शब्बीर अहमद, शाहिद कुरैशी, बाबू जफरुद्दीन, तजवीदुर्रेहमान, शौकत अली, डा. कफील, साजिद, अनीस मिर्जा मौजूद थे।

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