सादाबाद में मुकाबले की जमीन तैयार कर रहे सूरमा

सियासी सरगर्मी जिले की हॉट सीट बनेगी सादाबाद जातिगत समीकरण साध रहे प्रमुख राजनीतिक दल।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 21 Oct 2021 05:09 AM (IST) Updated:Thu, 21 Oct 2021 05:09 AM (IST)
सादाबाद में मुकाबले की जमीन तैयार कर रहे सूरमा
सादाबाद में मुकाबले की जमीन तैयार कर रहे सूरमा

हिमांशु गुप्ता, हाथरस : सादाबाद विधानसभा सीट पर इस बार कांटे के मुकाबले के आसार हैं। चुनावी सूरमाओं की तैयारियों को देख लग रहा है कि सादाबाद हॉट सीट बनेगी। जाट बहुल विधानसभा सीट पर 20 से अधिक दावेदार अपनी-अपनी पार्टी से टिकट की दौड़ में हैं। यहां राजनीतिक दल जातिगत समीकरण साध रहे हैं। सत्ताधारी भाजपा यहां हार का सूखा खत्म करना चाहती है। वहीं बसपा फिर से जीत के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रही है। सपा-रालोद के गठबंधन से भी यहां के सियासी समीकरण बदलने के पूरे आसार हैं। दोनों दलों के नेता टिकट के लिए भागदौड़ में लगे हैं।

पिछले दो दशक में यह सीट दो बार रालोद के खाते में रही है। सपा और बसपा ने एक-एक बार जीत दर्ज की है। वर्ष 2002 में राष्ट्रीय लोकदल के प्रताप चौधरी चुनाव जीते थे। वर्ष 2007 में रालोद से ही डा. अनिल चौधरी विधायक बने थे। वर्ष 2012 में देवेंद्र अग्रवाल ने समाजवादी पार्टी से जीत दर्ज की थी। 2017 में बसपा से पूर्व मंत्री रामवीर उपाध्याय ने परचम लहराया था। हालांकि अब वह बसपा से निलंबित चल रहे हैं। भाजपा लगा रही जोर

पिछले दो दशक में भाजपा यहां जीत दर्ज नहीं कर पाई है। अब पार्टी सत्ता में है। ऐसे में पूरे दमखम से चुनाव की तैयारी में है। पार्टी हारी हुई सीटों पर ज्यादा फोकस कर रही है। इनमें सादाबाद भी शामिल है। अगले माह सादाबाद विधानसभा क्षेत्र में सीएम योगी आदित्यनाथ की सभा की भी चर्चाएं हैं। ऐसे में दावेदारों की भी लंबी फेहरिस्त है। बसपा से निलंबित चल रहे वर्तमान विधायक रामवीर उपाध्याय के भाजपा से मैदान में उतर सकते हैं। इसकी चर्चाएं जोरों पर हैं। उनकी पत्नी सीमा उपाध्याय हाल ही में भाजपा में शामिल होकर जिला पंचायत अध्यक्ष बनी हैं, वहीं छोटे भाई रामेश्वर उपाध्याय ब्लाक प्रमुख चुने गए हैं। रामवीर चुनाव को लेकर क्या कदम उठाते हैं, इस पर सभी की निगाहें हैं। इसके अलावा प्रीती चौधरी, महेंद्र सिंह आचार्य, संजय सिंह जैसे नाम भी भाजपा से टिकट के दावेदारों में शामिल हैं। रालोद-सपा गठबंधन पर नजर

मिनी छपरौली कही जाने वाली सादाबाद विधानसभा सीट पर रालोद पिछले दो बार से जीत दर्ज नहीं कर सकी है। ऐसे में पार्टी जीत के लिए ताकत झोंक रही है। हालांकि सपा-रालोद गठबंधन की प्रबल संभावना है मगर इस सीट पर दोनों में से किस दल का प्रत्याशी उतरेगा, यह अभी तय नहीं है। हाल ही में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी ने आशीर्वाद पथ जनसभा कर चुनाव की तैयारियों की नब्ज टटोली थी। रालोद से प्रदीप चौधरी गुड्डू, प्रवीन पौनियां, प्रताप चौधरी समेत कई नेता सादाबाद से टिकट की जुगत में लगे हुए हैं। बसपा वापसी की तैयारी में

सादाबाद सीट पिछले चुनाव में बसपा के खाते में गई थी। पूर्व मंत्री रामवीर उपाध्याय बसपा से विधायक चुने गए थे। फिलहाल वह पार्टी से निलंबित चल रहे हैं। बसपा यहां वापसी के लिए जोर लगा रही है। 24 अक्टूबर को यहां पार्टी का कैडर कैंप भी लगेगा। भाजपा का दामन छोड़ हाल ही में बसपा में शामिल हुए डा. अविन शर्मा बसपा से टिकट के दावेदारों में शामिल हैं। उन्होंने क्षेत्र में सक्रियता बढ़ा दी है। हालांकि टिकट की घोषणा में अभी वक्त है। इसके अलावा डा. राजेश उपाध्याय, विनोद चौधरी समेत कुछ और भी दावेदार बसपा से मैदान में उतरने की तैयारी में हैं।

सपा की टिकट पर सस्पेंस

सपा और रालोद के गठबंधन के कयासों के बीच इस सीट पर सस्पेंस बरकरार है। यह सीट सपा के खाते में जाएगी या रालोद के यह अभी तय नहीं है। दोनों ही दलों के दावेदार चुनाव की तैयारियों में जुटे हैं। सपा से पूर्व विधायक देवेंद्र अग्रवाल की मजबूत दावेदारी है। वह 2012 में भी यहां से विधायक बने थे। कांग्रेस में भी कई दावेदार

सादाबाद सीट पर वर्ष 1980 के बाद से कांग्रेस जीत दर्ज नहीं कर सकी है। 1980 में जावेद अली खां चुनाव जीते थे। इस बार भी टिकट के लिए कई दावेदार तैयारी कर रहे हैं। किसान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व विधायक डा. अनिल चौधरी प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं। इसके साथ-साथ जितेंद्र गौतम एडवोकेट, नगर अध्यक्ष अनुज शर्मा, मथुरा प्रसाद, चौ. जगवीर सिंह, मोहन सिंह बघेल समेत कई नाम दावेदारों में शामिल हैं।

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