पुलिस को पांच दिन बाद आई बिटिया की याद

14 सितंबर को जानलेवा हमले का मुकदमा दर्ज कर शांत बैठ गई थी विपक्षी पार्टियों से फजीहत के बाद पीड़िता का बयान दर्ज करने पहुंची

By JagranEdited By: Publish:Wed, 30 Sep 2020 01:32 AM (IST) Updated:Wed, 30 Sep 2020 05:08 AM (IST)
पुलिस को पांच दिन बाद  आई बिटिया की याद
पुलिस को पांच दिन बाद आई बिटिया की याद

संवाद सहयोगी, हाथरस : चंदपा कोतवाली के गांव बूलगढ़ी में पीड़िता के साथ हुई दरिदगी के मामले को पुलिस ने शुरू में हल्के में लिया। इसके चलते पुलिस को फजीहत भी झेलनी पड़ी। फजीहत के बाद पुलिस ने सक्रियता दिखाई और पांच दिन बाद पीड़िता के बयान लेने पहुंची।

14 सितंबर को पीड़िता पर जानलेवा हमले और एससी-एसटी एक्ट की रिपोर्ट दर्ज कर पुलिस शांत बैठी रही। इसके बाद भीम आर्मी, बसपा, सपा रालोद समेत कई विपक्षी दलों ने पीड़िता को न्याय की मांग उठाई तो पुलिस सक्रिय हुई। 19 सितंबर को जानलेवा हमले के आरोपित संदीप को गिरफ्तार कर जेल भेजा। घटना के आठवें दिन 22 सितंबर को मामले की जांच कर रहे सीओ सादाबाद पीड़िता के बयान दर्ज करने पहुंचे, जिसमें उसने सामूहिक दुष्कर्म की बात कही। मुकदमे में सामूहिक दुष्कर्म की धारा बढ़ाते हुए तीन और युवकों को नामजद किया। चार दिन में तीनों को गिरफ्तार किया। इसी दरम्यान तत्कालीन एसएचओ डीके वर्मा को लाइन हाजिर भी किया गया। हाथरस के दुष्कर्म मामले की फोरेंसिक जाच शुरू

जासं, आगरा : हाथरस में युवती के साथ हुए दुष्कर्म काड की जाच आगरा फोरेंसिक लैब ने मंगलवार से शुरू कर दी है। लैब दस दिन में अपनी रिपोर्ट हाथरस पुलिस को दे देगी।

हाथरस के चंदपा थाना क्षेत्र में 14 सितंबर को खेत पर गई युवती के साथ ये घटना हुई थी। हाथरस पुलिस ने दुष्कर्म की पुष्टि के लिए युवती की स्लाइड और कपड़े सहित सभी साक्ष्यों को 22 सितंबर को आगरा फोरेंसिक लैब भेज दिया था। फोरेंसिक लैब ने मंगलवार से इन साक्ष्यों की जांच शुरू कर दी है।

जाच के ये रहेंगे चरण

-साक्ष्यों की केस हिस्ट्री तैयार की है। -पीड़िता की स्लाइड की जांच

-पीडि़ता के कपड़ों और उन पर लगे दागों की जांच

-पीड़िता के कपड़ों पर सीमन के दाग की पुष्टि की जाएगी।

-सीमन के दाग साबित होने पर आरोपित के डीएनए से मिलान किया जाएगा। डीएनए जाच के लिए रखी जाएगी स्लाइड

स्लाइड की जाच के बाद विज्ञानी इसे डीएनए जाच के सुरक्षित रखेंगे। पुलिस-प्रशासन को जरूरत पड़ने पर स्लाइड को डीएनए जाच के लखनऊ या गाजियाबाद की फोरेंसिक लैब भेजी जाएगी। आगरा में 15 मार्च, 2013 में हुए शोध छात्रा हत्याकाड में भी स्लाइड की जांच में दुष्कर्म की पुष्टि नहीं हुई थी। इसके बाद स्लाइड को हैदराबाद की फोरेंसिक लैब भेजा गया था। वहा पर डीएनए जाच में शोध छात्रा से सामूहिक दुष्कर्म की पुष्टि हुई थी।

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