पीएचसी बीमार, इलाज का इंतजार

फार्मासिस्ट के सहारे चल रहा है ग्रामीणों का अस्पताल एंबुलेंस भी नहीं।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 01 Jun 2021 04:09 AM (IST) Updated:Tue, 01 Jun 2021 04:09 AM (IST)
पीएचसी बीमार, इलाज का इंतजार
पीएचसी बीमार, इलाज का इंतजार

संसू, हाथरस : हर साल करोड़ों रुपये खर्च होने के बावजूद स्वास्थ्य सेवाएं पटरी पर नहीं हैं। कोविड काल में ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं की पोल भी खुल गई। संकट की घड़ी में स्वास्थ्य सेवाएं लाचार दिखाई दे रही हैं। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मऊ चिरायल पर डॉक्टर कभी-कभार ही आते हैं और जब से उनकी ड्यूटी कोविड में लगी है तब से तो उनका यहां आना ही नहीं हुआ। इस समय केवल एक फार्मासिस्ट के कंधे पर अस्पताल की जिम्मेदारी है। सफाई कर्मचारी न होने के कारण गंदगी के अंबार लगे हुए हैं। आपात स्थित में मरीजों को लाने व ले जाने के लिए एंबुलेंस भी नहीं है।

ये हैं हालात : सुदूर क्षेत्र से तहसील मुख्यालय तक मरीजों के पहुंचने में होने वाली दिक्कतों को ध्यान में रखकर दो दशक पहले मऊ चिरायल में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र स्थापित किया गया था। अस्पताल दो कमरे तक ही सिमट कर रह गया है। सिर्फ दो बेड मरीजों के लिए हैं। एक डॉक्टर, एक फार्मासिस्ट और एक वार्ड ब्वॉय हैं। यहां तैनात चिकित्सक डॉ.मृदुल जाजू कासगंज रहते हैं। वहीं से ड्यूटी करने आते हैं। इस समय डॉक्टर नहीं बैठ रहे हैं और ओपीडी भी बंद चल रही है। सामान्य दिनों में यहां पर औसतन 20 से 25 मरीज प्रतिदिन इलाज के लिए आते हैं। खांसी, बुखार, मलेरिया एवं टाइफाइड की जनरल दवाएं ही उपलब्ध हैं। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर एंबुलेंस सुविधा है ही नहीं। सफाई व्यवस्था का भी बुरा हाल है। चारों ओर गंदगी के अंबार हैं। शौचालय तथा कमरों में गंदगी भरी पड़ी है।

कोविड के दौरान बिगड़े हालात : यहां पर तैनात डॉ.मृदुल जाजू की ड्यूटी इन दिनों एमडी टीबी हॉस्पिटल हाथरस में लगी हुई है। वहीं वार्ड ब्वॉय किशनपाल सिकंदराराऊ के जेपी हॉस्पिटल में कोविड ड्यूटी कर रहे हैं। उन दोनों के कोविड ड्यूटी पर चले जाने के बाद सिर्फ शैलेंद्र कुमार फार्मासिस्ट ही बचे हैं। स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध न होने के कारण मरीज इलाज के लिए पीएचसी पर आने के बजाय या तो झोलाछाप की शरण लेते हैं या फिर सिकंदराराऊ और अन्य शहरों में जाकर इलाज कराते हैं। कोरोना संक्रमण काल में चार मार्च से अब तक 1200 लोगों को कोविड टीका लगाया गया है।

भवन की हालत : अस्पताल की इमारत जर्जर हो चुकी है। परिसर में घास की झाड़ियां उग रही हैं। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र गांव से दूर स्थित है, जिससे यहां रात को कोई नहीं रहता। अस्पताल सूना पड़ा रहता है। देखभाल न होने के कारण असामाजिक तत्व दरवाजे एवं खिड़कियां तक उखाड़ कर ले गए हैं। शौचालय व वार्ड सब जगह हाल बेहाल है। स्टाफ के रहने के लिए बने आवासीय ब्लॉक भी खस्ताहाल है। पानी की टंकी व सबमर्सिबल है। चोरों ने पानी की पाइप लाइन तोड़ दी है। हैंडपंप भी खराब पड़ा है। अस्पताल के गेट पर लगा बोर्ड भी नहीं बचा है। सुरक्षा की ²ष्टि से आज तक कोई कर्मचारी यहां नहीं रुका जिससे सब बदहाल है। स्वास्थ्य कर्मी यहां स्वयं को असुरक्षित महसूस करते हैं। बोले ग्रामीण

प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर स्वास्थ्य सुविधाओं का बुरा हाल है। न डॉक्टर आते हैं और न अन्य कोई स्टाफ। अस्पताल कभी कभार ही खुलता है। ऐसे अस्पताल का होना न होना बराबर है।

-प्रशांत शर्मा, ग्रामीण। यदि अस्पताल में डॉक्टर और स्टाफ मौजूद रहें और लोगों को इलाज मिले तो क्षेत्रीय जनता का भला होगा। अस्पताल होने के बावजूद लोगों को इलाज के लिए दूसरी जगह जाना पड़ता है।

-किशन पाल सिंह ग्रामीण। वर्जन

प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मऊ चिरायल पर तैनात डॉ.मृदुल जाजू इस समय कोरोना ड्यूटी पर हाथरस में तैनात हैं और वार्ड ब्वॉय की तैनाती सिकंदराराऊ के एल-वन अस्पताल में चल रही है। फार्मासिस्ट प्रतिदिन अस्पताल जाते हैं। अन्य स्टाफ की कमी है। दवाएं पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं।

डॉ. रजनेश यादव, चिकित्सा अधीक्षक, सीएचसी, सिकंदराराऊ। हसायन सीएचसी में सफाई कराई, हैंडपंप सही कराए

संसू, हसायन : ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए दैनिक जागरण की खबरों पर स्वास्थ्य विभाग की नींद टूट गई। हसायन स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की सफाई के साथ पेयजल व्यवस्था के लिए हैंडपंपों को सही कराया गया।

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी डा. आरके वर्मा ने अस्पताल परिसर में अतिरिक्त सफाई कर्मचारी लगाकर सफाई कराई। आवासीय परिसर में भी सफाई कर परिसर को सैनिटाइज भी कराया गया। प्रांगण में दोनों हैंडपंपों को ठीक कराया गया, जिससे अस्पताल में आने वाले मरीजों व तीमारदारों को राहत मिली है। अधीनस्थों को निर्देशित किया गया कि कोई भी व्यक्ति स्वास्थ्य केंद्र परिसर की बिल्डिग में गुटखा व अन्य तरीके से कोई गंदगी करता है तो उस पर विशेष निगाह रखी जाए। कर्मचारियों को भी हिदायत दी गई है कि वह भी किसी तरह की गंदगी करने से बचें अन्यथा विभागीय कार्रवाई के लिए बाध्य होना पड़ेगा।

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