तीन माह से फार्मासिस्ट के सहारे पीएचसी

डॉक्टर स्टाफ नर्स वार्ड ब्वॉय स्वीपर भी नहीं उखड़ चुके हैं आवासों के जंगले व किवाड़।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 31 May 2021 01:06 AM (IST) Updated:Mon, 31 May 2021 01:06 AM (IST)
तीन माह से फार्मासिस्ट के सहारे पीएचसी
तीन माह से फार्मासिस्ट के सहारे पीएचसी

संसू, हाथरस : कोविड की दूसरी लहर चल रही है और तीसरी का अलार्म बज चुका है। गांवों में कोरोना के कई संक्रमित मरीज मिलने के बावजूद ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार नहीं दिखाई दे रहा है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों अनाथ छोड़ दिया गया है। बसईकाजी के प्राथमिक हेल्थ सेटर (पीएचसी) में डॉक्टर हीनहीं है, स्वास्थ्य सेवाएं फार्मासिस्ट के सहारे चल रही है।

दैनिक जागरण की टीम शनिवार को विकास खंड सासनी के ग्राम पंचायत बसईकाजी में निर्मित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर पहुंची तो वहां पर डॉक्टर मौजूद नहीं थे। फार्मासिस्ट ही मरीजों को दवा दे रहे थे। इस गांव में पिछले दिनों कई कोरोना संक्रमित निकले हैं, लोगों को बुखार भी आया। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर डॉक्टर न होने से ग्रामीणों ने झोलाछाप से इलाज कराया।

ये हैं हालात : प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर आसपास के 12 गांवों के लोग निर्भर हैं। बसईकाजी, मामोता कलां, ममोता खुर्द, द्वारकापुर, नदोन्ना, नोजरपुर, नगला फतेला, ततारपुर सहित अलीगढ़ बॉर्डर के मडराक बॉर्डर से सटे होने के कारण पास के गांव में उपचार के लिए आते हैं। फार्मासिस्ट सुनील कुमार ने बताया कि यहां पर लगभग तीन माह से कोई चिकित्सक नहीं है। पहले जो चिकित्सक थे, उनका ट्रांसफर हो गया है। एक फार्मासिस्ट हैं। स्टाफ नर्स, वार्ड ब्वॉय, स्वीपर भी नहीं है।

खंडहर हो रहा भवन : प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सुबह 8:00 से दोपहर 2:00 बजे तक ही खुलता है। इसके बाद सन्नाटा रहता है। केंद्र का गेट भी खुला रहता है, जिससे यहां पर कई बार चोरी हो चुकी है। स्वास्थ्य केंद्र के जो आवास बने हुए हैं, उनका अभी तक उपयोग में नहीं हुआ है। आवासों के जंगले व किवाड़ उखड़े हुए हैं। आवास खंडहर हो गए हैं। परिसर में बड़ी-बड़ी घास उग आई है। सफाई कर्मी का पद होने के बाद भी यहां सफाई करने वाला कोई नहीं है। रात में इलाज के लिए लोगों को भी कस्बे व शहर की ओर रुख करना पड़ता है। पानी की टंकी शो-पीस बनी हुई है। बोले ग्रामीण

इस समय कोरोना ग्रामीण क्षेत्र में फैल रहा है। अस्पताल में डॉक्टर तक नहीं हैं। ऐसे में प्रशासन को ग्रामीण क्षेत्र की स्वास्थ्य सेवाओं पर ध्यान देना चाहिए।

-तारा सिंह स्वास्थ्य केंद्र पर ग्रामीण दवा लेने जाते हैं, परंतु केंद्र के बंद होने के कारण लौट आते हैं। सफेद हाथी साबित हो रहा है यह हेल्थ सेटर।

-प्रेमपाल सिंह केंद्र पर डॉक्टर की तैनाती हो, वह प्रतिदिन बैठें, ताकि दूरदराज से आने वाले ग्रामीणों को स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिल सके। झोलाछाप के यहां न जाना पड़े।

-संजय बाबू वर्जन

कोविड में ड्यूटी होने के कारण स्वास्थ्य केंद्र नहीं पहुंच पा रहे हैं। जैसे ही उनकी ड्यूटी खत्म होगी सभी स्टाफ स्वास्थ्य केंद्र पर पहुंचेंगे। वर्तमान में वहां जो चिकित्सक थे उनका ट्रांसफर हो चुका है। उनकी जगह किसी और की तैनाती अभी नहीं हुई है। जल्दी ही वहां अन्य चिकित्सक की तैनाती हो जाएगी।

-डॉ.एसपी सिंह, प्रभारी, सीएचसी सासनी

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