सही उपचार करें तो कीट व रोगों से सुरक्षित रहेगी धान की फसल
धान की फसलों को नष्ट होने से होता है किसानों को नुकसान फसल को बचा सकता है कीटनाशकों का सही मात्रा में प्रयोग।
संस, हाथरस : नुकसान पहुंचाने वाले कीटों का धान की फसलों पर हमला शुरू हो गया है। यह कीट पैदावार को 30 फीसद घटा देते हैं। इसे लेकर किसानों की चिता बढ़ा दी है।
अन्नदाता बड़ी मेहनत से मुश्किल से फसलों को उगाता है। खुशी आने से पहले ही दिक्कतें खड़ी हो जाती हैं। धान की फसल पर गंधी कीट ने हमला कर दिया है। यह कीट फसल में निकल रही बाली व फूल का रस चूस लेती है। इसके कारण फूल दाने रूप नहीं ले पाता और काला चूर्ण बनकर रह जाता है। विशेष गंध छोड़ने वाले इस कीट की पहचान किसानों को आसानी से हो जाती है। यह कीट धान की पैदावार में 30 फीसद कम कर देता है। अन्य कीट भी पहुंचाते हैं नुकसान
जिले में इस बार 23 हजार हेक्टेयर से अधिक भूमि में धान की फसल हुई है। इस फसल में गंधी कीट के अलावा इस फसल को जड़ भेदक, सफेद फुदके, टिड्डी, गिडार, तना छेदक, लपेटक कीट नुकसान पहुंचा रहे हैं। इनके चलते फसल की पत्ती व बाली पीली पड़ जाती है और उसमें झुलसा रोग लग जाता है। ऐसे करें फसल का प्रबंधन
डा. रामपलट अध्यक्ष कृषि विज्ञान केंद्र बताते हैं कि फसलों में कीट व रोगों से बचाने के लिए प्रबंधन बहुत जरूरी है। इसके लिए नीम का तेल तीन एमएल प्रति लीटर पानी में डालकर फसल पर छिड़काव कर सकते हैं। रसायनों में थायोमिथोक्साम 25 प्रतिशत डब्लूजी को 100 ग्राम प्रति हेक्टेयर में या कार्बोसल्फान 25 ईसी प्रति लीटर पानी में डालकर छिड़काव करने से फसलें सुरक्षित रहती हैं। इनका कहना है-
धान की फसल में अब कीट लगने से वह पीली पड़ गई है। पानी भर जाने से उनमें गलन रोग भी लगने लगा है। इससे किसान परेशान हैं।
- पवन कुमार, किसान बड़ी मेहनत से किसान फसलों को उगाता है। उस पर कभी बारिश नहीं होती तो कभी कीट नुकसान पहुंचाते हैं। धान की फसल में ऐसा हो रहा है।
- रवि कुमार, किसान