40 हजार की आबादी पर एक डॉक्टर

बिसावर पीएचसी पर दवाएं नहीं मिलती छह महीने से सफाई कर्मचारी भी नहीं मीठे पानी की नहीं है व्यवस्था हैंडपंप से आता है खारा पानी सरकार के स्वछता अभियान में बाधक बन रहीं झाड़ियां।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 02 Jun 2021 12:57 AM (IST) Updated:Wed, 02 Jun 2021 12:57 AM (IST)
40 हजार की आबादी पर एक डॉक्टर
40 हजार की आबादी पर एक डॉक्टर

संसू, हाथरस : जनपद में कोरोना की दूसरी लहर का असर भले ही धीरे-धीरे कम हो रहा है लेकिन ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं के सुधार की पहल नदारद है। चालीस हजार की आबादी के बीच बिसावर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) में एक डॉक्टर तो तैनात है, मगर यहां गिनती की दवाओं को छोड़ तमाम दवाओं का टोटा नजर आता है। मरीज बाहर मेडिकल स्टोर से दवा लेने को मजबूर होते हैं। ओपीडी की सेवाएं सुचारु न होने से झोलाछाप के यहां इलाज कराना पड़ता है। पेयजल और सफाई व्यवस्था नाकाम साबित हो रही है।

ये हैं हालात : तहसील मुख्यालय से करीब 12 किलोमीटर दूर मथुरा मार्ग पर स्थित बिसावर के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर बिसावर के ग्रामीणों के अलावा, ग्राम पंचायत तसींगा, ग्राम पंचायत अरोठा, ग्राम पंचायत पचावरी तथा ग्राम पंचायत भुर्रका के ग्रामीण भी निर्भर हैं। इन पंचायतों के सभी गांवों को मिलाकर करीब 40,000 ग्रामीणों के लिए यह इकलौता सरकारी अस्पताल है।

अस्पताल में एक चिकित्सक, एक फार्मासिस्ट, एक वार्ड ब्वॉय, एक हेल्थ सुपरवाइजर, दो एएनएम तथा एक लैब असिस्टेंट तैनात है। अस्पताल में सात कमरे हैं तथा आठ बेड का इंतजाम है। ओपीडी के समय 50 से 60 मरीज रोजाना आते थे, लेकिन कोविड-19 के कारण ओपीडी प्रभावित है। अस्पताल में सर्दी, खांसी, जुकाम, बुखार की दवाएं मौजूद हैं। यहां पर तैनात सफाई कर्मचारी की छह माह पहले हुई मौत के बाद कोई कर्मचारी अभी तक स्वास्थ्य विभाग ने नियुक्त नहीं किया है। अस्पताल प्रांगण में चारों तरफ झाड़ियां नजर आ रही हैं। अस्पताल परिसर की सफाई भी तैनात स्टाफ ही कर रहा है। भवन की स्थिति :

अस्पताल का भवन काफी पुराना हो चुका है लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने पेंट कराकर तस्वीर बदलने की कोशिश की है। अस्पताल गांव से करीब एक किलोमीटर दूरी पर है। अस्पताल बंद होने के बाद यहां पर कोई भी नजर नहीं आता, जबकि स्टाफ के लिए आवास बने हुए हैं। आवास में कोई रहना पसंद नहीं करता। सभी स्टाफ के लोग बाहर रहते हैं। अस्पताल प्रांगण में 15 वर्ष पूर्व सब सेंटर का निर्माण कराया गया था जो आज तक अधूरा पड़ा है। अस्पताल प्रांगण में एक हैंडपंप लगा है, जिससे खारा पानी आता था मगर वह भी काफी समय से खराब पड़ा हुआ है। अस्पताल में सबमर्सिबल के माध्यम से पानी आता है। यह पानी भी पीने योग्य नहीं है।

कोविड के इंतजाम : कोविड-19 की जांच तथा वैक्सीनेशन किया जा रहा है, यहां पर अब तक करीब 1500 लोगों को वैक्सीन लगाई जा चुकी है। पॉजिटिव आने वाले व्यक्ति को होम आइसोलेशन किट चिकित्सक द्वारा दी जाती है।

बोले ग्रामीण

इतनी बड़ी आबादी को देखते हुए पीएचसी पर विशेषज्ञ की तैनाती होनी चाहिए। विशेषज्ञ न होने से झोलाछाप अथवा आगरा-मथुरा जाकर इलाज कराना पड़ता है।

-चौ. मनोज पंसारी, बिसावर जन सुविधा के लिहाज से पीएचसी पर काफी सुविधाओं का अभाव है। स्वास्थ्य विभाग बिसावर व आसपास के क्षेत्र की स्थिति को ध्यान रखते हुए यहां जनसुविधाएं प्रदान करें।

-चौ.वीरी सिंह, बिसावर इस पीएचसी में एक ही चिकित्सक तैनात हैं। मथुरा मार्ग पर अकेला अस्पताल होने पर यहां इमरजेंसी सेवा भी प्रारंभ की जानी चाहिए।

-सोनवीर सिंह, बिसावर वर्जन --

कोविड-19 के तहत मरीजों की जांच, दवा की किट तथा वैक्सीनेशन किया जा रहा है। छह माह पूर्व सफाई कर्मचारी की मौत हो जाने के कारण सफाई में थोड़ी परेशानी आ रही है। हैंडपंप ठीक कराया जाएगा।

-डा.संतोष कुमार, पीएचसी

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