बीच शहर में झोलाछाप चला रहा था नर्सिग होम, सील

शिकायत होने पर एसडीएम सदर व एसीएमओ ने की छापेमारी बोरों में भरी मिली सिरिज व इंजेक्शन दवाइयों के लिए सैंपल।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 11 Jun 2021 04:55 AM (IST) Updated:Fri, 11 Jun 2021 04:55 AM (IST)
बीच शहर में झोलाछाप चला रहा था नर्सिग होम, सील
बीच शहर में झोलाछाप चला रहा था नर्सिग होम, सील

संवाद सहयोगी, हाथरस : झोलाछाप चिकित्सकों की पूरे जिले में भरमार है। शिकायत होने पर ही स्वास्थ्य विभाग की आंखें खुलती हैं। गुरुवार को शिकायत के आधार पर एसडीएम सदर ने एसीएमओ के साथ मिलकर शहर के चावड़ गेट स्थित एक नर्सिंग होम पर छापेमारी की, जहां मरीज भर्ती थे। बड़ी मात्रा में सिरिज व दवाई मिली। दवाइयों के नमूने लेकर उन्हें जांच के लिए प्रयोगशाला भेजा गया है। पंजीकरण के कागज न दिखाने पर नर्सिंग होम को सील कर दिया गया।

सरकार ने अवैध रूप से संचालित अस्पतालों व नर्सिंग होम पर कार्रवाई के निर्देश दे रखे हैं। गुरुवार को एसडीएम सदर अंजली गंगवार को सूचना मिली कि शहर के चावड़ गेट इलाके में एक नर्सिंग होम बिना पंजीकरण के संचालित हो रहा है, जो कि लगातार लोगों की सेहत के साथ खिलवाड़ कर रहा है। शिकायत को गंभीरता से लेते हुए एसडीएम सदर मौके पर पहुंच गईं, नोडल अधिकारी व एसीएमओ डा. डीके अग्रवाल को भी वहीं बुला लिया। जांच के दौरान नर्सिग होम संचालक पंजीकरण का कोई कागज नहीं दिया सका। नर्सिंग होम में दस बेड एसडीएम सदर को मिले। इसके साथ ही दो बोरों में सिरिज, इंजेक्शन के अलावा दवाई मिली। मरीजों की रिपोर्ट भी छापेमारी के दौरान मिली। नर्सिंग होम को एसडीएम सदर ने सील करा दिया। आखिर किसका है संरक्षण

अवैध क्लीनिक, अस्पताल व नर्सिंग होम जिले में बिना पंजीकरण के चल रहे हैं। झोलाछाप चिकित्सकों को आखिर किसका संरक्षण मिला हुआ है? शहर के प्रमुख इलाके में बिना पंजीकरण के नर्सिंग होम आखिर किसके इशारे पर चल रहा था। यदि सीएमओ जिले में गहराई से पड़ताल कराएं तो तमाम अवैध क्लीनिक व अस्पताल संचालित होते हुए मिल जाएंगे, मगर अक्सर तभी कार्रवाई होती है जब कोई शिकायत करे। इनका कहना है

एसडीएम सदर व एसीएमओ की संयुक्त कार्रवाई में अवैध रूप से संचालित नर्सिंग होम सील करा दिया गया है। जल्द ही जानकारी करके संचालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।

डा.एमसी चतुर्वेदी, सीएमओ, हाथरस।

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