अब स्कूल बदलवाने के लिए चक्कर काट रहे अभिभावक
आरटीई के तहत आवंटित हुए है बचों को स्कूल अपनी पसंद के स्कूलों के लिए काट रहे अब चक्कर
संवाद सहयोगी, हाथरस : लॉटरी सिस्टम के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन करने वाले बच्चों को आरटीई के तहत दाखिले मिलने हैं। पिछले दिनों लॉटरी सिस्टम के जरिए ही शासन स्तर से लखनऊ से विद्यालय आवंटित कर दिए गए। लेकिन अब तमाम अभिभावक अपने बच्चों का स्कूल बदलवाने के लिए बीएसए कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं।
2386 बच्चों को आरटीई के तहत आवेदन किया था। जिसमें से 1566 बच्चों को 24 अप्रैल को लॉटरी सिस्टम के जरिए स्कूल आवंटित हो गए। स्कूलों का आवंटन हो जाने के बाद तमाम अभिभावकों को पसंद के विद्यालय नहीं मिले। आवेदन में पांच विद्यालयों के विकल्प मांगे गए थे। लॉटरी सिस्टम के माध्यम से जो विद्यालय आवंटित हुआ है,उसी में बच्चे को प्रवेश मिल सकता है। लेकिन अब अभिभावक अपने पसंद के विद्यालय के लिए बीएसए कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं।
परिषदीय स्कूलों में न घट जाए संख्या
आरटीई के तहत बच्चों के दाखिले हो जाने के बाद सरकार की ओर से साढ़े चार सौ रुपये प्रतिमाह के हिसाब से फीस स्कूल संचालक को दी जाती है। बजट आने के बाद ही स्कूलों को एक साथ पूरी साल की फीस मिल पाती है। इसके अलावा पांच हजार रुपये अभिभावक के खाते में भेजे जाते है। परिषदीय विद्यालयों में बच्चों का नामांकन बढ़ाने के लिए रैली निकाली जा रही हैं। लेकिन आरटीइ के कारण अब परिषदीय विद्यालयों में बच्चों का नामांकन कम रह सकता है। क्योंकि आरटीई के तहत भी सरकार के द्वारा सुविधा दी जा रही हैं।