अब कोई धोखाधड़ी नहीं, आज से सिर्फ हॉलमार्क ज्वेलरी ही बिकेगी

हर आभूषण पर होगा बीआइएस का निशान फर्म का नाम भी रहेगा ग्राहकों को मिलावटी आभूषण से मिलेगी निजात।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 16 Jun 2021 05:14 AM (IST) Updated:Wed, 16 Jun 2021 05:14 AM (IST)
अब कोई धोखाधड़ी नहीं, आज से सिर्फ हॉलमार्क ज्वेलरी ही बिकेगी
अब कोई धोखाधड़ी नहीं, आज से सिर्फ हॉलमार्क ज्वेलरी ही बिकेगी

जासं, हाथरस : बुधवार से सराफा बाजार में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। अब ज्वेलर्स बिना हॉलमार्क सोने की ज्वेलरी ग्राहकों को नहीं बेच सकेंगे। इस नियम को इस साल जनवरी में लागू होना था, लेकिन कोरोना की वजह से तारीख बढ़ाकर एक जून कर दी गई थी, फिर इसे बढ़ाकर 15 जून कर दिया गया। इस बार देशभर में कोरोना की दूसरी लहर को देखते हुए तारीख बढ़ाई गई है। अब 16 जून से इसे अनिवार्य कर दिया है।

क्या है हॉलमार्किंग

हॉलमार्क सरकारी गारंटी है। हॉलमार्क का निर्धारण भारत की एकमात्र एजेंसी ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (बीआइएस) करती है। हॉलमार्किंग में किसी प्रोडक्ट को तय मापदंडों पर प्रमाणित किया जाता है। भारत में बीआइएस वह संस्था है, जो उपभोक्ताओं को उपलब्ध कराए जा रहे गुणवत्ता स्तर की जांच करती है। सोने के सिक्के या गहने पर हॉलमार्क के साथ बीआइएस का लोगो लगाना जरूरी है। इससे पता चलता है कि बीआइएस की लाइसेंस वाली लैब में इसकी शुद्धता की जांच की गई है।

इन पांच चिह्नों से करें पहचान

-असली हॉलमार्क पर बीआइएस का तिकोना निशान होता है।

-उस पर हॉलमार्किंग केंद्र का लोगो होता है।

-सोने की शुद्धता भी लिखी होती है।

-ज्वेलरी कब बनाई गई है, इसका वर्ष लिखा होता है।

-ज्वेलर्स का लोगो भी होता है।

इसलिए जरूरी है हॉलमार्किंग

ग्राहकों को नकली ज्वेलरी से बचाने और कारोबार की निगरानी के लिए हॉलमार्किंग बेहद जरूरी है। हॉलमार्किंग का फायदा यह है कि जब आप इसे बेचने जाएंगे तो किसी तरह की डेप्रिसिएशन कॉस्ट नहीं काटी जाएगी। मतलब आपको सोने का वाजिब दाम मिलेगा। हॉलमार्किंग में प्रोडक्ट कई चरणों में गुजरता है। ऐसे में गुणवत्ता में किसी तरह की गड़बड़ी की गुंजाइश नहीं रहती है। ग्राहकों को ये होगा फायदा

एक्सप‌र्ट्स का कहना है कि देश के ज्यादातर हिस्सों में ग्राहकों को 22 कैरेट के बजाय 21 कैरेट सोना बेचा जाता है। हालांकि, ज्वेलरी का दाम 22 कैरेट या 24 कैरेट के मुताबिक वसूले जाते हैं। हॉलमार्क होने से यह झूठ पकड़ा जा सकेगा। सही हॉलमार्क नहीं होने पर पहले ज्वेलर को नोटिस जारी किया जाएगा। हॉलमार्किंग के लिए ज्वेलर्स को लाइसेंस भी लेना होगा। धोखाधड़ी पर हो सकती है सजा

धोखाधड़ी पर एक लाख रुपये से लेकर ज्वेलरी के दाम के पांच गुना तक का जुर्माना देना पड़ सकता है। जुर्माना के साथ एक साल तक की कैद भी हो सकती है। जांच के लिए सरकार ने क्चढ्ढस्-ष्टड्डह्मद्ग के नाम एप भी लांच किया है। एप पर शुद्धता की जांच के साथ शिकायत की भी सुविधा मौजूद है। हॉलमार्किंग से संबंधित गलत जानकारी पर शिकायत कर सकते हैं। बोले सर्राफ

सरकार ने जनहित में नियम लागू किया है, लेकिन व्यावहारिक समस्याओं पर भी ध्यान देना चाहिए। चेकिग व मोहर के लिए हॉलमार्क सेंटर अधिक से अधिक बनाए जाने चाहिए।

राधावल्लभ सिघल, ज्वेलर्स हॉलमार्क का नियम लागू करना बढि़या कदम है। अब ग्राहकों को गुणवत्तापरक सोने के आभूषण मिल सकेंगे। इससे उनके साथ कोई धोखाधड़ी नहीं हो सकेगी।

गोविद अग्रवाल, ज्वेलर्स सरकार का नियम अच्छा है। इससे ग्राहकों को फायदा होगा। ग्राहक को सही जानकारी मिल सकेगी। इस नियम से कोई आपत्ति नहीं है। इस संबंध में मीटिग भी हो चुकी है।

मोहनलाल अग्रवाल, सर्राफ, अध्यक्ष सराफा कमेटी हाथरस

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