अब जिले में भी खून के तीनों अवयव मिलेंगे अलग-अलग
जिला अस्पताल स्थित ब्लड बैंक को किया जाएगा अपग्रेड अब तक मरीजों को ग्रुप का मिलान कर उपलब्ध कराया जाता है खून प्लाज्मा प्लेटलेट्स व रेड ब्लड सेल्स से मिलेंगे तीन को लाभ।
केसी दरगड़, हाथरस : खून का एक-एक कतरा काम का है। चिकित्सा विज्ञान ने इस तथ्य को सच साबित किया है। अब जनपद के मरीजों को खून ही नहीं, बल्कि उनसे प्राप्त होने वाले तीन अवयव भी जरूरत के हिसाब से मिल सकेंगे। प्लाज्मा, प्लेटलेट्स व रेड ब्लड सेल्स की कमी वाले मरीजों को ब्लड के इन अवयवों की उपलब्धता हो सकेगी। जिला अस्पताल में इसके लिए रिपोर्ट मांगी गई है। इसके लिए जिला अस्पताल स्थित ब्लड बैंक का आधुनिकीकरण किया जाएगा।
अब तक सुविधा : जिला अस्पताल स्थित ब्लड बैंक में विभिन्न ग्रुप के ब्लड की सुविधा है। मरीजों को जरूरत के हिसाब से उनके ब्लड ग्रुप का मिलान कर गंभीर मरीजों को खून उपलब्ध कराया जाता है। मरीज के स्वजन और तीमारदार भी बदले में खून देते हैं, वहीं इसके लिए समय-समय पर सामाजिक संस्थाओं की ओर रक्तदान शिविर लगाकर खून की उपलब्धता कराई जाती है।
अब क्या होगा : खून के तीन अवयव होते हैं। जिन्हें प्लाज्मा, लाल रक्त कोशिका (रेड ब्लड सेल्स) व प्लेटलेट्स कहा जाता है। कुछ मरीज ऐसे होते हैं, जिन्हें बीमारी के दौरान प्लाज्मा, रेड ब्लड सेल्स (आरबीसी) व प्लेटलेट्स की अलग-अलग जरूरत होती है। ऐसे मरीजों को पूरा खून चढ़ाने की जरूरत नहीं होती है। डेंगू के रोगियों को प्लेटलेट्स की जरूरत पड़ती है तो वहीं खून की कमी होने पर लाल रक्त कोशिका (रेड ब्लड सेल्स) की जरूरत पड़ती है। खून में इनका 40 फीसद हिस्सा होता है। वहीं कोरोना के मरीजों को प्लाज्मा थेरेपी कारगर साबित होती है। उन मरीजों को पूरा खून नहीं, अलग-अलग अवयव ड्पि की मदद से शरीर के अंदर पहुंचाकर उन्हें जीवनदान दिया जाता है। अब यह जनपद स्तर पर संभव हो सकेगा। इसके लिए जिला अस्पताल में खून से प्लाज्मा, प्लेटलेट्स व रेड ब्लड सेल्स अलग करने के लिए सेपरेशन यूनिट लगाकर आधुनिक बनाया जाएगा। इसके लिए शासन की ओर से पत्र आ चुका है। विशेषज्ञों की मदद से यूनिट के लिए जरूरत के हिसाब से जगह और आवश्यक उपकरणों की जरूरत की विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर शासन को भेजी जाएगी। शासन की हरी झंडी मिलने के बाद इस पर काम शुरू हो जाएगा। संभवतया अगले महीने तक रिपोर्ट तैयार हो जाएगी। वर्जन
ब्लड बैंक में मरीजों के लिए अलग-अलग अवयव उपलब्ध कराने के दिशा-निर्देश प्राप्त हुए हैं। इस संबंध में विशेषज्ञों की मदद से रिपोर्ट तैयार कर शासन को भेजी जाएगी। स्वीकृति मिलने पर काम शुरू हो जाएगा।
डॉ. चंद्रमोहन चतुर्वेदी, सीएमओ