बीस गांवों में नहीं बना एक भी गोल्डन कार्ड

आयुष्मान गोल्डन कार्ड बनाने के लिए चलेगा अभियान। वंचित गांवों में स्वास्थ्य विभाग की ओर से लगाए जाएंगे शिविर मील का पत्थर साबित हुई प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 30 Oct 2020 01:19 AM (IST) Updated:Fri, 30 Oct 2020 01:19 AM (IST)
बीस गांवों में नहीं बना एक भी गोल्डन कार्ड
बीस गांवों में नहीं बना एक भी गोल्डन कार्ड

संवाद सहयोगी, हाथरस : कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (आयुष्मान भारत) के तहत गोल्डन कार्ड बनवाने का कार्य शिथिल पड़ा हुआ था। अब सरकार के निर्देश पर एक बार फिर अभियान शुरू होने जा रहा है। एक नवंबर से अभियान चलाया जाएगा। इसके तहत ऐसे गांवों में शिविर लगेगा, जहां एक भी कार्ड नहीं बना हो। स्वास्थ्य विभाग ने ऐसे 20 गांवों की सूची तैयार की है।

आयुष्मान योजना के डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर डॉ. प्रभात सिंह का कहना है कि सभी लाभार्थियों के गोल्डन कार्ड बनवाने हैं, ताकि सभी को लाभ मिल सके। जिले में लगभग 20 गांव ऐसे हैं जहां एक भी गोल्डन कार्ड नहीं बने हैं। अपर मुख्य सचिव चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण अमित मोहन प्रसाद ने सभी लाभार्थियों के गोल्डन कार्ड बनाने के निर्देश दिए हैं। अभियान एक नवंबर से चलाया जाएगा। अभियान के दौरान गोल्डन कार्ड बनवाने के लिए प्रोत्साहित करने पर 10 रुपये प्रति कार्ड आशा कार्यकर्ता को भी दिए जाएंगे। गांवों की आशा कार्यकर्ताओं को लाभार्थियों का ब्योरा उपलब्ध करा दिया गया है। मरीजों को इलाज दिलाने की रैंकिग में भी हाथरस का प्रदेश में 13वां स्थान है। 73 हजार गोल्डन कार्ड बनाए जा चुके हैं। कार्यक्रम के नोडल अधिकारी व अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. मधुर कुमार ने कहा है कि सरकार की यह योजना गरीबों और जरूरतमंदों के लिए मील का पत्थर साबित हो रही है। आवश्यक दस्तावेज :

गोल्डन कार्ड बनवाने के लिये लाभार्थियों के पास राशन कार्ड, आधार कार्ड, वोटर आइडी कार्ड, प्रधानमंत्री अथवा मुख्यमंत्री का मूलपत्र (अगर प्राप्त हुआ है तो) होना जरूरी है।

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