मंदिरों में नहीं दिखी भीड़, घरों में ही की गई पूजा

35 घंटे के क‌र्फ्यू में मंदिरों पर सख्त कर दिए थे प्रवेश के नियम कोरोना क‌र्फ्यू का दिखा असर भक्तों ने मंदिरों से भी बनाई दूरी।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 19 Apr 2021 04:16 PM (IST) Updated:Mon, 19 Apr 2021 04:16 PM (IST)
मंदिरों में नहीं दिखी भीड़, घरों में ही की गई पूजा
मंदिरों में नहीं दिखी भीड़, घरों में ही की गई पूजा

संवाद सहयोगी, हाथरस : कोरोना क‌र्फ्यू का असर धार्मिक आयोजनों पर भी दिखा। नवरात्र पर्व में दौरान मंदिरों से भी श्रद्धालु नदारद दिखे। देहात क्षेत्रों में मंदिरों पर प्रवेश बंद कर दिया गया था। संक्रमण से बचने के लिए लोगों ने घरों में ही पूजा-अर्चना कर माता की आराधना की।

नवरात्र का पर्व चल रहा है। छठवें दिन देवी मां के कात्यायनी के स्वरूप की पूजा की गई। इस दिन कोरोना क‌र्फ्यू लागू होने से मंदिरों में श्रद्धालुओं का प्रवेश बंद कर दिया गया था। इसके चलते श्रद्धालुओं ने घरों में ही पूजा की। घरों में मास्क लगाकर और शारीरिक दूरी का पालन किया गया। बौहरे वाली देवी, चामुंडा, कंकाली, मां तारागढ़ वाली देवी मंदिर से श्रद्धालुओं ने दूरी बनाए रखी। देहात के क्षेत्रों में सिकंदराराऊ, सादाबाद, सहपऊ, पुरदिलनगर, हसायन, मुरसान, सासनी के प्रमुख मंदिरों पर प्रवेश बंद होने के बोर्ड लटके हुए थे। निरस्त हुए धार्मिक आयोजन, पांच लोगों पढ़ी मस्जिद में नमाज

कोरोना क‌र्फ्यू के चलते रमनपुर में सुबह के समय आयोजित हवन यज्ञ बिना यजमान व श्रद्धालुओं के कराया गया। वहीं शाम को प्रस्तावित भागवत कथा को भी स्थगित कर दिया गया। वहीं मस्जिदों में सिर्फ पांच नमाजियों से नमाज पढ़ी गई। मंदिरों व मस्जिदों में अनुयायियों के प्रवेश को प्रतिबंधित कर कोरोना क‌र्फ्यू का पालन किया गया। पथवारी माता मंदिर पर सजी भव्य प्रतिमा

संसू, सिकंदराराऊ: चैत्र नवरात्र के छठे दिन देवी भक्तों ने रविवार को श्रद्धा के साथ घर-घर में हवन कर मां कात्यायनी देवी की पूजा अर्चना कर देश में फैली कोरोना महामारी के अंत की कामना की। भोर से ही देवी मंदिरों पर पूजा-अर्चना करने को श्रद्धा का सैलाब उमड़ा।

कस्बा के मोहल्ला नगला शीशगर स्थित सिद्धपीठ मां ब्रजेश्वरी पथवारी माता मंदिर, काली माता मंदिर, पीपल वाली माता मंदिर, चामुंडा देवी मंदिर पर देवी भक्तों का तांता लगा रहा। देवी भक्तों ने उपवास रखकर घरों एवं मंदिरों में श्रद्धा पूर्वक माता रानी की पूजा-अर्चना कर जलाभिषेक किया। शाम को देवी मंदिरों में माता रानी के फूल बंगले भी सजाए गए और माता रानी के मनोहारी श्रृंगार किए गए।

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