नेपाल ने रोकी सस्ते डीजल की धार

अब नहीं होती टंकी पुल सिर्फ बॉर्डर तक के लिए मिल रहा है तेल पहले काठमांडू से डीजल लाते थे 20-22 रुपये प्रति लीटर का अंतर।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 01 Mar 2021 01:15 AM (IST) Updated:Mon, 01 Mar 2021 01:15 AM (IST)
नेपाल ने रोकी सस्ते डीजल की धार
नेपाल ने रोकी सस्ते डीजल की धार

जासं, हाथरस : डीजल के दामों में अंतर के चलते पड़ोसी देश नेपाल ने भी यहां से जाने वाले मालवाहक वाहनों के लिए मनमाना डीजल देना बंद कर दिया है। अब वे सीमित डीजल ही दे रहे हैं। इसके कारण वहां से लौटने वाले वाहनों को अपनी सीमा में आकर महंगा डीजल खरीदना पड़ रहा है।

ये है स्थिति : हाथरस से दूसरे प्रांतों के अलावा खाद्य वस्तुएं, कपड़े और हैंडीक्राफ्ट के सामान ट्रकों के माध्यम नेपाल भी जाता है। इसमें हींग, गलीचा, परदे और मूर्ति व अन्य सजावटी सामान यहां से जाते हैं। यह माल देश के काठमांडू, वीरगंज और रक्सौल शहरों में जाता है। वहां माल ले जाने वाले ट्रक चालक माल उतारने के बाद वहीं से डीजल टंकी फुल करा लेते थे। वहां और यहां के भाव में मुद्रा के हिसाब से 20-22 रुपये प्रति लीटर का अंतर है। नेपाल में डीजल के भाव यहां की मुद्रा के हिसाब से 60 रुपये प्रति लीटर के आसपास है, जबकि यहां पर डीजल लगभग 82 रुपये प्रति लीटर है।

इसलिए लगी रोक : ट्रांसपोर्ट कारोबारियों की मानें तो हाथरस से जाने वाले ट्रक ही नहीं बल्कि अपने देश के दूसरे प्रांतों से वहां माल लेकर जाने वाले ट्रक चालक डीजल ले आते हैं। भाव में काफी अंतर होने के कारण चालक वहीं से टंकी फुल कर लाते थे। इससे ट्रांसपोर्ट कारोबारियों को हजारों रुपये का फायदा होता था। लगातार वहां की टंकियों पर वाहनों की लाइनें बढ़ती चली जा रही थीं। इससे वहां की आपूर्ति पर भी असर पड़ा। इसे देखते हुए यहां के वाहनों को सिर्फ उतना ही तेल दिया गया कि वे बॉर्डर तक ही जा सकें।

20 रुपये तक बढ़े दाम : अपने यहां की बात करें तो डीजल के भाव लगातार बढ़ रहे हैं। पिछले एक साल के अंदर 20 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी हुई है। पहले पिछली साल इस दौरान डीजल के भाव 60 रुपये प्रति लीटर के आसपास थे। अब इस समय लगभग 82 रुपये प्रति लीटर पहुंच गए हैं। वर्जन --

भारत की तुलना में नेपाल में डीजल सस्ता है। वहां जाने वाले ट्रकों के चालक डीजल लेकर आते थे। अब वहां की सरकार सिर्फ उतना ही तेल उपलब्ध करा रही है कि ट्रक भारत की सीमा तक ही आ सकें।

किशनलाल शर्मा, जिलाध्यक्ष, ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस यूनियन

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