आइसीयू न वेंटीलेंटर, ये कैसे ट्रामा सेंटर

अल्ट्रासाउंड एक्सरे व अन्य जांच भी कराए जाते हैं बाहर ले जाकर गंभीर मरीजों को अलीगढ़ और आगरा किया जाता है रेफर।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 22 Jul 2021 06:04 AM (IST) Updated:Thu, 22 Jul 2021 06:04 AM (IST)
आइसीयू न वेंटीलेंटर, ये कैसे ट्रामा सेंटर
आइसीयू न वेंटीलेंटर, ये कैसे ट्रामा सेंटर

जासं, हाथरस : जनपद में ट्रामा सेंटर के नाम पर वाकई ड्रामा चल रहा है। लंबे चौड़े बोर्ड पर ट्रामा सेंटर लिखकर गंभीर मरीजों के तीमारदारों को बेवकूफ बनाया जा रहा है। यहां आइसीयू और वेंटीलेंटर की सुविधा तक नहीं है। विशेषज्ञ भी हर समय उपलब्ध नहीं होते हैं। उन्हें जरूरत के मुताबिक फोन करके बुलाया जाता है। मरीजों को सिर्फ प्लास्टर चढ़ाने और सीमित उपचार के बाद आगरा और अलीगढ़ रेफर कर दिया जाता है। शहर में चल रहे ट्रामा सेंटर की पड़ताल की तो वे मानक के अनुरूप नहीं पाए गए।

ट्रामा सेंटर इमरजेंसी सेवाओं का ही एक रूप है। दुर्घटनाग्रस्त गंभीर मरीजों के लिए ये सेटर खोले जाते हैं। इसमें ऐसे भी मरीज आते हैं, जिनके सिर और रीढ़ की हड्डी में गंभीर चोट होने के कारण कोमा तक में चले जाते हैं। इनमें आपरेशन के लिए आपरेशन थियेटर जरूरी है। इसमें इंटेंसिव केयर यूनिट (आइसीयू) व वेंटीलेंटर की सुविधा अनिवार्य है। आइसीयू के लिए अलग से वातानुकूलित कक्ष और सेपरेट रूम होना जरूरी है। इमरजेंसी में उपचार देने के बाद गंभीर मरीजों को इनमें रखा जाता है। इसमें आर्थोपीडिक सर्जन, जनरल सर्जन के अलावा एनिस्थीसिया विशेषज्ञ, न्यूरो सर्जन की जरूरत पड़ती है। इसके अलावा इमरजेंसी में एक्सरे व अल्ट्रासाउंड भी कराए जाते हैं। कभी-कभी सीटी स्केन व एमआरआइ की भी जरूरत पड़ जाती है।

शहर में छह से अधिक ट्रामा सेंटर चल रहे हैं। इनमें आगरा रोड स्थित श्री दाऊजी हास्पिटल एंड ट्रामा सेंटर और अलीगढ़ रोड स्थित सरिता प्रेम हास्पिटल शामिल हैं। इनके बोर्ड पर ट्रामा सेंटर लिखा हुआ है। बोर्ड पर विशेषज्ञों के नाम तो लिखे हुए हैं लेकिन विशेषज्ञ हर समय उपलब्ध नहीं रहते हैं। वे फोन पर बुलाए जाते हैं। वहीं एक्सरे व अल्ट्रासाउंड भी बाहर से कराए जाते हैं। जांच के लिए खून, पेशाब व अन्य के नमूने लिए जाते हैं, लेकिन उनकी जांच बाहर कराई जाती है। अस्पताल में प्रशिक्षित स्टाफ भी पूरा नहीं है। सात से आठ मरीज एक ही कमरे में जनरल वार्ड की तरह भर्ती दिखाई देते हैं। यहां पर आइसीयू के स्थान पर आक्सीजन सपोर्ट बेड ही होते हैं। वेंटीलेंटर की सुविधा नहीं है। सीटी स्केन व एमआरआइ की सुविधा नहीं है। मरीजों की गंभीरता को देखते हुए अलीगढ़ और आगरा रेफर किया जाता है। ट्रामा सेंटर के मानक

-आइसीयू

-वेंटीलेटर

-आर्थोपीडिक सर्जन

-जनरल सर्जन

-एनिस्थीसिया विशेषज्ञ

-न्यूरो सर्जन

- एमआरआइ

-सीटी स्केन

-एक्सरे

-अल्ट्रासाउंड वर्जन

जनपद में चल रहे ट्रामा सेंटर में बेसिक सुविधाएं तो हैं। वेंटीलेंटर, आइसीयू, सीटी स्केन व एमआरआइ की सुविधा नहीं है। गंभीर हालत होने पर मरीजों को यहां से रेफर किया जाता है।

पंकज शर्मा, सचिव, आइएमए ट्रामा सेंटर में इमरजेंसी में आने वाले मरीजों को अटेंड करने के लिए विशेषज्ञ होना जरूरी है, क्योंकि गंभीर मरीजों को तुरंत विशेषज्ञ की जरूरत पड़ती है।

डा. चंद्रमोहन चतुर्वेदी, सीएमओ

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