मोदी ने मन को छुआ, गुरुजी की जिज्ञासा को किया शांत

परीक्षा पर चर्चा कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने दिए रोचक सुझाव शिक्षकों व अभिभावकों की जिज्ञासा को किया पीएम ने खत्म।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 08 Apr 2021 01:40 AM (IST) Updated:Thu, 08 Apr 2021 01:40 AM (IST)
मोदी ने मन को छुआ, गुरुजी की जिज्ञासा को किया शांत
मोदी ने मन को छुआ, गुरुजी की जिज्ञासा को किया शांत

संस, हाथरस : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम के जरिए छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों से संवाद किया। कोरोना के खौफ के बीच बोर्ड परीक्षा देने वाले छात्रों से पीएम ने बात करके परीक्षा को बोझ मानने की बजाय इसे उत्सव के रूप में लेने को कहा। जिले के तमाम विद्यार्थियों, शिक्षकों व अभिभावकों ने प्रधानमंत्री के कार्यक्रम को ध्यानपूर्वक देखा और सुना।

बोर्ड परीक्षा के तनाव के कारण तमाम विद्यार्थी बीमार भी हो जाते हैं। इसके साथ ही कम अंक आने पर हताशा में आत्मघाती कदम तक उठाने की घटनाएं होती हैं। इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखकर प्रधानमंत्री ने परीक्षार्थियों के तनाव को खत्म करने और उन्हें जागरूक करने के लिए परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम की शुरुआत की। पिछले साल भी मार्गदर्शन किया था। इस बार कोरोना संक्रमण को देखते हुए वर्चुअल कार्यक्रम बुधवार शाम को हुआ। परीक्षार्थियों को संबोधित करते हुए पीएम ने कहा कि परीक्षा कोई आखिरी मुकाम नहीं है, परीक्षा में तनाव कदापि न लें। अभिभावक विद्यार्थियों के ऊपर अनावश्यक दबाव न डालें। परीक्षा है, कोई आसमान नहीं टूट रहा है। शिक्षकों व अभिभावकों के सवालों का जवाब भी प्रधानमंत्री ने दिया। बोले विद्यार्थी

फोटो-44

प्रधानमंत्री मोदी का संबोधन सुना। उनका संबोधन सुनकर परीक्षा की तैयारियों को बेहतर बनाने की प्रेरणा मिली। परीक्षा के संदर्भ में बताई गई बातें काफी प्रेरणादायक हैं।

अंशुल माहेश्वरी, सिकंदराराऊ फोटो-42

मैंने प्रधानमंत्री का संबोधन उत्सुकता के साथ सुना। उन्होंने माध्यमिक शिक्षा परिषद के छात्र-छात्राओं को मोटिवेट किया है। छात्र-छात्राओं को सफलता दिलाने में सहायक सिद्ध होंगे।

-प्रांजल चौहान, सिकंदराराऊ। फोटो-43

टिप्स निश्चित ही परीक्षा के दौरान सफलता दिलाने में सहायक सिद्ध होंगे। इस कार्यक्रम को देखने के बाद काफी हद तक तनाव बहुत कम होगा। ऐसे कार्यक्रम समय-समय पर परीक्षा से पूर्व दिखाए जाने चाहिए।

समर्थ कुलश्रेष्ठ, सादाबाद।

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