महाशिवरात्रि पर्व 11 मार्च को, कांवड़ यात्रा की तैयारी शुरू

गंगाघाटों से लेने जाते हैं श्रद्धालू कांवड़ शिवरात्रि पर शिव मंदिरों में चढ़ती हैं कांवड़।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 01 Mar 2021 01:31 AM (IST) Updated:Mon, 01 Mar 2021 01:31 AM (IST)
महाशिवरात्रि पर्व 11 मार्च को,  कांवड़ यात्रा की तैयारी शुरू
महाशिवरात्रि पर्व 11 मार्च को, कांवड़ यात्रा की तैयारी शुरू

संवाद सहयोगी, हाथरस : महाशिवरात्रि शिव आराधना का महापर्व है। इस बार यह पर्व फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर 11 मार्च गुरुवार को मनाया जाएगा। इस बार बन रहे कल्याणकारी शिव योग में पूजा-अर्चना करने से भक्तों को मनोवांछित फल मिलेगा।

महाशिवरात्रि पर्व को लेकर भक्तों में उत्साह बना हुआ है। इसकी तैयारियां भी शुरू हो गई हैं। इस पर्व पर श्रद्धालु गंगाघाटों से गंगाजल लाने के लिए कांवड़ लेकर कई दिन पहले से रवाना हो जाते हैं। राजस्थान, मध्यप्रदेश सहित दूरदराज के इलाकों के भक्त राजघाट, कछला, सोरों के घाटों से कांवड़ लेकर हाथरस शहर के अलावा सिकंदराराऊ, सासनी, सादाबाद से होकर गुजरते हैं। पांवों में पंसुरियां बजाते कांवड़िया बम-बम भोले की जयकारे लगाते सभी के आकर्षण का केंद्र बन जाते हैं। ज्योतिषाचार्य पं. विश्वनाथ पुरोहित बताते हैं कि महाशिवरात्रि पर्व पर शिव जी की श्रद्धा भाव से पूजा-अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। 24:30 घंटे रहेगा महाशिवरात्रि

इस बार महाशिवरात्रि पर्व पर मकर राशि में चंद्रमा के संयोग व धनिष्ठा नक्षत्र बन रहे हैं। चतुर्दशी तिथि 11 मार्च से लेकर दोपहर 2.38 बजे से 12 मार्च को 3.02 बजे तक रहेगा। इस पर्व में रात का महत्व होने से यह पर्व 11 मार्च को ही मनाया जाएगा। महाशिवरात्रि पर निशीतकाल 11 मार्च को सुबह 12.5 बजे से सुबह 12.56 बजे तक व पारण मुहूर्त 12 मार्च को सुबह 6.35 बजे से दोपहर 3.50 बजे तक रहेगा। रामेश्वर ने किया कथा व्यास का स्वागत

संस, हाथरस : गणेश सिटी में श्रीमद-भागवत का के विराम से पूर्व जिला पंचायत सदस्य रामेश्वर उपाध्याय ने व्यास गद्दी की पूजा अर्चना कर आरती उतारी। आयोजक ब्रजभूषण द्विवेदी एवं सुधीर दुबे ने रामेश्वर का 51 किलो की फूलों की माला पहनाकर, पीतांबर ओढ़ाकर व राधा कृष्ण की प्रतिमा भेंटकर स्वागत व सम्मान किया। उपाध्याय ने कहा कि भागवत गीता का अनुसरण करने से सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। हमें सत्य के रास्ते पर चलना चाहिए। कथा वाचक रामवल्लभ आचार्य, अनुराग रावत, हरिशंकर रावत, वीरेंद्र अवस्थी, सोनू शर्मा, राकेश दीक्षित, सुधीर दुबे, अमन शर्मा, राज कौटिल्य, मुनेंद्र उपाध्याय, अन्नी पंडित, भोला शर्मा व विवेक शर्मा मौजूद रहे।

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