चलो बुलावा आया है, माता ने बुलाया है..

रमनपुर में चामुंडा मंदिर पर कलशयात्रा के साथ यज्ञ शुरू शाम होते ही मंदिर रंग-बिरंगी रोशनी से जगमगाने लगे हुई आरती।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 14 Apr 2021 02:46 AM (IST) Updated:Wed, 14 Apr 2021 02:46 AM (IST)
चलो बुलावा आया है, माता ने बुलाया है..
चलो बुलावा आया है, माता ने बुलाया है..

संवाद सहयोगी, हाथरस : चैत्र नवरात्र का पर्व मंगलवार से शुरू हो गया। पहले दिन मां शैलपुत्री की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की गई। सुबह से ही मंदिरों में घंटे-घड़ियाल गूंजने लगे थे। प्रथम अनुष्ठान कलश के साथ घर-घर घट स्थापना की गई। मंदिरों से लेकर घरों तक में पूजा-अर्चना का दौर शुरू हो गया। शाम होते ही मंदिर रंग-बिरंगी रोशनी से जगमगाने लगे।

मंगलवार की सुबह से ही भक्तों का रेला मंदिरों में उमड़ पड़ा। पूजा-अर्चना शुरू हो गई। सड़कों पर श्रद्धालु हाथों में पूजा का थाल लिए देवी मंदिरों की ओर जाते दिखे। मुरसान गेट स्थित बौहरे वाली देवी मंदिर पर सुबह से ही श्रद्धालुओं की कतार लग गई। किला गेट स्थित पथवारी मंदिर पर भी भक्तों का तांता दिखा। मंदिरों में नारियल चढ़ाते हुए दूध व जल से अभिषेक किया गया। प्रथम दिन मां शैलपुत्री की पूजा-अर्चना की गई। घरों व मंदिरों में देवी की महिमा का बखान करने वाले भक्ति संगीत बजते रहे। श्रद्धालुओं ने शाम को आरती व पूजाकर व्रत खोले। शहर में नवग्रह मंदिर, चामुंडा मंदिर, कंकाली, भद्रकाली, तारागढ़ वाली माता के मंदिरों को भव्य रूप से सजाया गया है।

बिना मास्क नहीं हो रहा प्रवेश

कोरोना महामारी को देखते हुए सभी मंदिरों में विशेष इंतजाम किए गए हैं। शहर में रमनपुर स्थित चामुंडा मंदिर पर एक बार में पांच से अधिक श्रद्धालुओं को प्रवेश नहीं दिया गया। वहीं बौहरे वाली देवी मंदिर पर पुजारी ने बिना मास्क आने वाले श्रद्धालुओं का प्रसाद चढ़ाने से इन्कार कर दिया। वहीं कंकाली, भद्रकाली, मां तारागढ़, मां कुष्मांडा मंदिरों पर कोविड-19 के नियमों का पालन कराने के लिए पुलिस बल तैनात रहा।

कलशयात्रा की रही धूम

रमनपुर स्थित मां चामुंडा देवी मंदिर पर दोपहर करीब 12 बजे कलशयात्रा निकाली गई, जो मंदिर से शुरू होकर रमनपुर व नवलनगर में होते हुए वापस यज्ञ स्थल पर आकर समाप्त हुई। इसके बाद श्रद्धालुओं ने शतचंडी यज्ञ में सभी की खुशहाली के लिए आहूतियां दीं। शाम को भागवत महापुराण कथा में आचार्य पं. संदीपकृष्ण भारद्वाज ने प्रवचन किए। इसमें नागा बाबा पाताल गिरि, यज्ञाचार्य पंकज शास्त्री, श्याम पंडित मौजूद थे।

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