नीतेश की याद में भर आती हैं स्वजन की आंखें
मुंबई में हुए हमले में चंदपा निवासी 16 वर्षीय नीतेश के सीने में गोली लगने से हो गई थी मौत।
जासं, हाथरस : 26 नवंबर जब भी आता है, नीतेश की यादें ताजा हो जाती हैं। इसी दिन मुंबई में हुए आंतकी हमले में नीतेश की सीने में गोली लगने से मौत हो गई थी। नीतेश को याद कर स्वजन की आंखें भर आती हैं। उनके बाबा ने जो चंपा का पौधा लगाया है, वह आज भी हरा-भरा है।
गांव चंदपा निवासी नीतेश के चाचा कालीचरण बताते हैं कि नीतेश के पिता विजय कुमार शर्मा इंडियन नेवी में थे। नीतेश दो भाई व दो बहन थे। बड़ा भाई विक्रम जब पांच साल का था तब उसका अपहरण हो गया था। उसका आज तक पता नहीं चला। जिस दिन घटना हुई उस समय नीतेश 16 वर्ष का था। नीतेश अपने पिता विजय कुमार शर्मा व मां को गोवर्धन के लिए ट्रेन में बैठाने मुंबई स्थित बीटी स्टेशन आए थे। जब वह स्टेशन से लौट रहे थे, तभी अचानक आतंकी हमला हो गया। आतंकी हमले में एक गोली नीतेश कुमार के सीने में लगी जिससे उसकी मौत हो गई थी। इसकी सूचना मिलते ही घर और गांव में शोक की लहर दौड़ गई थी। नीतेश के बाबा धनपाल ने नाती की याद में घर में चंपा का पौधा लगाया था। बाबा धनपाल का निधन हो गया, लेकिन वह पौधा दोनों की याद दिलाता रहता है।
चाचा कालीचरण ने बताया कि दो साल पहले नीतेश के पिता सेवानिवृत्त हो गए। नीतेश की दो बहनों में से एक हेमा शर्मा मुंबई में रेलवे अफसर है जबकि दूसरी बहन नीरा शर्मा मुंबई में एक्सिस बैंक में मैनेजर है। 26/11 का दिन हर बार टीस देता है। शुक्रवार को उसी पौधे के पास नीतेश का छवि चित्र रखकर याद किया गया। भतीजे को याद करते हुए चाचा की आंखों में आंसू छलक आए।