घर में लगाएं रेनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम
छत से वर्षा जल कर सकते हैं संचय हजार वर्ग फुट की छत है इसके लिए पर्याप्त।
जासं, हाथरस : पानी अनमोल है, भविष्य के लिए आज से ही इसकी एक-एक बूंद सहेजना पड़ेगा। रेमन मैग्सेसे पुरस्कार विजेता जलपुरुष राजेंद्र सिंह ने तो यहां तक कहा है कि जिस तरह महिलाएं रसोई में देसी घी की एक बूंद गिर जाती है तो उसे भी बटोर लेती हैं, ठीक उसी तरह पानी की एक-एक बूंद बटोरकर आने वाली पीढ़ी के लिए बचा सकते हैं। हर साल होने वाली बारिश का जल हम भूगर्भ जल के रूप में संचित कर सकते हैं। इसके लिए जरूरी नहीं कि बड़ा घर या परिसर हो। विशेषज्ञ का यहां तक दावा है कि एक बरसाती मौसम में एक हजार वर्ग फुट की छोटी सी छत से लगभग एक लाख लीटर पानी जमीन के अंदर उतारा जा सकता है।
ऐसे बचा सकते हैं पानी : वर्षा जल संचय के लिए बारिश के पानी को हैंडपंप, बोरवेल या कुएं के माध्यम से भूगर्भ जल में मिलाया जा सकता है। वर्षा जल संचय के दो तरीके हैं। एक तो छत के बरसाती पानी को गड्ढे या खाई के जरिए सीधे जमीन के भीतर उतारना और दूसरा तरीका यह है कि छत के पानी को किसी टैंक में एकत्र कर सीधे उपयोग में लेना। एक हजार वर्गफुट की छत वाले मकान के लिए यह तरीका बहुत उपयुक्त है।
ऐसे करें तैयार : सबसे पहले जमीन तीन से पांच फुट चौड़ा और पांच से दस फुट गहरा गड्ढा बनाना होता है। छत से पानी एक पाइप के जरिए इस गड्ढे में उतारा जाता है। खोदाई के बाद इस गड्ढे में सबसे नीचे मोटे पत्थर (कंकड़), बीच में मध्यम आकार के पत्थर(रोड़ी) और सबसे ऊपर बारीक रेत या बजरी डाल दी जाती है। यह विधि पानी को छानने (फिल्टर करने) की भी आसान विधि है। यह सिस्टम फिल्टर का काम करता है।
एक तरीका यह भी : पांच गुणा पांच फुट गड्ढा खोदकर मिट्टी निकालने के बाद उसमें डेढ़ फुट गिट्टी (कच्ची रोड़ी) उसके बाद बारीक रोड़ी की छह इंच की परत बिछाने के बाद प्लास्टिक का ड्रम या आरसीसी के पाइप के चारों साइड में छेद कर लें। ड्रम या पाइप रखने के बाद उसके चारों ओर रोड़े भर देते हैं।
इतना आएगा खर्च : घर में रेनवाटर हार्वेस्टिग सिस्टम के लिए 15 हजार रुपये का खर्च आता है। बहुमंजिला भवन में 30 हजार रुपये का खर्च आ जाता है।
वर्जन-
वर्षा जल संचय में बड़े मकान या परिसर की जरूरत नहीं है। आप अपने छोटे से घर में छत का पानी संचय कर जमीन में उतारकर भूगर्भ जल संचय कर सकते हैं। इसमें इतना खर्च आता है कि आप आसानी से वहन कर सकते हैं।
अजय उपाध्याय, विशेषज्ञ