नशे के इंजेक्शन ने सात को चुभो दिया जानलेवा एड्स
लाल फंदा-3 - झुंड में इंजेक्शन के जरिए नशा करने वाले हो रहे एचआइवी के शिकार - जिले में पिछले आठ माह में 56 एचआइवी पॉजीटिव आ चुके सामने
केस-1
छह महीने पहले की बात है। एक कूड़ा बीनने वाले युवक ने कुछ लोगों को नशे का इंजेक्शन लेते देखा। शौक में खुद भी लगवा लिया। यह आदत कब जानलेवा रोग में तब्दील हो गई, उसका पता तब हुआ, जब एचआइवी जांच हुई। उसका एआरटी सेंटर अलीगढ़ में इलाज चल रहा है।
केस-2
एक रिक्शा चालक मेहनत करके परिवार पाल रहा था। साथी को नशे का इंजेक्शन लगाते देखकर खुद भी मजा लेने लगा। वह कब जानलेवा रोग की चपेट में आ गया, नहीं मालूम। जांच में एचआइवी की पुष्टि हुई है। जेएन मेडिकल कॉलेज में उसका भी इलाज चल रहा है। प्रमोद सिंह, हाथरस
छोटे-से शौक के बहाने जानलेवा एचआइवी किस तरह आहिस्ता-आहिस्ता जड़ें फैलाता जा रहा है, ये दो किस्से उदाहरणभर हैं। बदनसीबी यह है कि जिन संस्थाओं और जिम्मेदार अफसरों को इन्हें रोकना चाहिए, वे न सिर्फ कागजी कार्रवाई में उस्ताद हैं, बल्कि बजट ठिकाने लगाने में भी एकदम पक्के हैं। इन्होंने रत्तीभर भी ईमानदारी से जागरूकता लाई होती तो आठ महीने में सात लोग नशे के कारण एचआइवी की गिरफ्त में नहीं फंसते।
नशा लेने वाले 205 लोगों की जनवरी से अगस्त तक जांच हुई। इसमें सात को एचआइवी की पुष्टि हुई है। इनका जेएन मेडिकल कॉलेज अलीगढ़ व आगरा के एआरटी सेटर में इलाज चल रहा है। चिंताजनक है कि नशा लेने वालों की संख्या बढ़ रही है। अलीगढ़ रोड, इगलास रोड, मथुरा रोड, बस स्टैंड, आगरा रोड व रेलवे स्टेशन के आसपास, ऐसे गैंग सक्रिय हैं। हां, नहीं दिख रहे तो स्वास्थ्य विभाग और जागरूकता लाने वाली संस्थाओं को। इनकी जिम्मेदारी है कि नशा छुड़ाने की कोशिश करें, एचआइवी का संक्रमण रोकें। पर, मजदूर, रिक्शा चालक, कूड़ा बीनने वाले लोग ग्रुप बनाकर एक ही सी¨रज से नशा ले रहे हैं।
आठ माह में सात केस
वैसे, काउंस¨लग के लिए कई एनजीओ हैं। कुछ लोगों को बागला अस्पताल के आइसीटीसी सेंटर पर जांच भी करा चुके हैं। इस साल मिले 56 एचआइवी पॉजीटिव में से सात में फैलाव इंजेक्शन से हुआ है। इनमें फरवरी में दो केस मिले थे, जबकि बाकी के महीनों में एक-एक।
------------ ड्रग लेने से एचआइवी की गिरफ्त में आए सातों लोगों की सूचनाएं पोर्टल के माध्यम से सरकार को दे चुका हूं। लोग नशे में न फंसें, इसके लिए अभियान भी चलाते हैं।
डॉ. ब्रजेश राठौर, सीएमओ एक ही सुई से नशा लेने से एड्स, हेपेटाइटस बी जैसे रोग हो रहे हैं। इनकी सोचने-समझने की शक्ति घट जाती है। खानपान का भी ध्यान नहीं देते।
डॉ. एसके राजू, वरिष्ठ चिकित्सक -----------