चरागाह की जमीन पर नहीं बनेगा इंडस्ट्रियल एरिया

84 उद्यमियों के लिए है 1.5 लाख वर्ग मीटर भूमि की जरूरत ग्राम पंचायत से दूसरी जमीन का प्रस्ताव कराया जाएगा पास सासनी के गांव नगला गढ़ू में पांच एकड़ भूमि के लिए प्रस्ताव पास।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 15 Sep 2021 03:59 AM (IST) Updated:Wed, 15 Sep 2021 03:59 AM (IST)
चरागाह की जमीन पर नहीं  बनेगा इंडस्ट्रियल एरिया
चरागाह की जमीन पर नहीं बनेगा इंडस्ट्रियल एरिया

जासं, हाथरस : जनपद में तीसरा इंडस्ट्रियल एरिया बसाने की तैयारियों को झटका लगा है। यह झटका किसी और ने नहीं बल्कि राजस्व विभाग के स्टाफ ने ही दिया है। लेखपाल ने चरागाह की जमीन को दिखा दिया और ग्राम पंचायत ने पास भी कर दिया। फजीहत के बाद दूसरी जमीन का प्रस्ताव पास कराया जाएगा।

अलीगढ़ रोड और सलेमपुर इंडस्ट्रियल एरिया में जमीन न मिलने के कारण उद्यमियों को उद्योग लगाने के लिए जमीन की जरूरत है। सिकंदराराऊ, सादाबाद व सहपऊ में मिनी इडंस्ट्रियल एरिया है, लेकिन यहां उद्यमियों की जरूरत के हिसाब से जमीन उपलब्ध नहीं है। 84 उद्यमियों को 1.5 लाख वर्ग मीटर जमीन की आवश्यकता है। प्रशासन ने उद्यमियों की मांग पर अलीगढ़ रोड पर सासनी के गांव नगला गढू़ में जमीन चिह्नित कर नई औद्योगिक नगरी बसाने का फैसला किया है। नियमानुसार यदि जमीन ग्राम पंचायत के सार्वजनिक उपयोग की है तो ग्राम पंचायत के सदस्यों की सहमति से प्रस्ताव पास कराना जरूरी होता है। इसी के तहत ग्राम पंचायत ने औपचारिकताएं निभाते हुए करीब पांच हेक्टेयर जमीन का प्रस्ताव पास कर दिया। खास बात यह है कि यह जमीन पूर्व में चरागाह के लिए आवंटित है। यह सब जानते हुए ग्राम पंचायत की ओर से प्रस्ताव पास कर दिया गया।

पता चलने पर जागे अफसर : अफसरों को पता चला कि ग्राम पंचायत ने चरागाह की जमीन का प्रस्ताव पास कर दिया है तो लेखपाल और प्रधान को तलब किया गया। दोनों से कहा गया कि चरागाह की जमीन का प्रस्ताव कैसे पास कर दिया। प्रधान जय सिंह का कहना है कि पांच हेक्टेयर जमीन का प्रस्ताव पास हुआ है, लेकिन यह जमीन चरागाह की निकली है। अब फिर से दूसरी जगह का प्रस्ताव पास कराने को कहा गया है। भू उपयोग परिवर्तन आसान नहीं

चरागाह की जमीन को औद्योगिक व रिहायशी भूमि में परिवर्तन कराना आसान नहीं है। सिर्फ शासन स्तर से ही जमीन का भू उपयोग परिवर्तित किया जा सकता है।

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