इलाज ही नहीं तो अस्पताल किस काम का

पीएचसी में तैनात दो डाक्टरों में से एक बैठते ही नहीं डिलीवरी की सुविधा भी नहीं।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 07 Jun 2021 05:57 AM (IST) Updated:Mon, 07 Jun 2021 05:57 AM (IST)
इलाज ही नहीं तो अस्पताल किस काम का
इलाज ही नहीं तो अस्पताल किस काम का

संसू, हाथरस : कोरोना की दूसरी लहर समाप्त होने जा रही है, लेकिन जनपद में ग्रामीण क्षेत्र की स्वास्थ्य सेवाओं में कोई सुधार नहीं दिख रहा है। हसायन क्षेत्र में सलेमपुर स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर डॉक्टर नहीं बैठ रहे हैं। खून की जांच भी नहीं हो पाती है। प्रसव न होने से गर्भवती महिलाओं को प्राइवेट डॉक्टरों के पास जाना पड़ता है। बिजली की व्यवस्था तक नहीं है। सफाई कर्मचारी न होने से अस्पताल कक्ष में मकड़ी के जाले दिखाई देते हैं।

स्टाफ व संसाधन की स्थिति : इस अस्पताल पर आसपास के 30 गांवों के लोग निर्भर हैं। स्वास्थ्य केंद्र की बिल्डिग तो बड़ी है मगर सुविधाएं न के बराबर। यह स्वास्थ्य केंद्र औद्योगिक क्षेत्र में स्थित है। कागजों में यहां पर दो चिकित्सकों की तैनाती है मगर इन दिनों दूसरे चिकित्सक की ड्यूटी सासनी में कोविड केंद्र पर लगी हुई है। उन्हीं पर प्रभारी का चार्ज है। दूसरी चिकित्सक डॉ. नीलम सिंह अस्पताल में मिलीं। एक वार्ड ब्वाय के साथ फार्मासिस्ट की भी तैनाती है, परंतु यहां पर सफाई कर्मचारी की तैनाती नहीं है। प्राइवेट कर्मचारी से डाक्टर सफाई कराते हैं। जनरेटर भी नहीं है। एंबुलेंस इस केंद्र पर नहीं है। खून की जांच के अलावा एक्सरे आदि की भी सुविधा नहीं है। फैक्ट्री वर्कर को होने वाली परेशानी के बाद कोई उपचार नहीं मिल पाता है। उन्हें सिकंदराराऊ, हाथरस या हसायन के प्राइवेट या फिर झोलाछाप डॉक्टरों के पास जाना पड़ता है। मथुरा-बरेली हाईवे पर होने के कारण यहां पर सड़क दुर्घटनाओं के घायलों को प्राथमिक उपचार भी नहीं मिल पाता है।

भवन हो रहे जर्जर : मुख्य गेट पर कहीं भी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नहीं लिखा है। रोड पर एक पुराना लोहे का बोर्ड लगा है जिसे दूर से पढ़ा नहीं जा सकता है। आवासीय परिसर में बने कमरे जर्जर होते जा रहे हैं। उनका सामान भी गायब हो रहा है। रात को यहां कोई रहता नहीं है। बोले ग्रामीण

यहां पर महिलाओं के लिए कोई चिकित्सा सुविधा नहीं है। इसके कारण डिलीवरी नहीं हो पाती है। इसके लिए हाथरस, हसायन या सिकंदराराऊ महिलाओं को ले जाना पड़ता है। यह सुविधा यहां मिलनी चाहिए। महिला चिकित्सक की तैनाती भी होनी चाहिए।

-रोशन सिंह, बेहटा यहां पर किसी जांच की सुविधा न होने से दूरदराज के केंद्रों पर जाना पड़ता है। हसायन, हाथरस या सिकंदराराऊ दवा लेने जाना पड़ता मथुरा-बरेली मार्ग पर हॉस्पिटल है मगर प्राथमिक उपचार भी ठीक से नहीं मिलता है।

नरेशचंद्र, नगला शेखा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर सुयोग्य डॉक्टर की नियुक्ति होनी चाहिए। वे समय से ड्यूटी पर मिलें, जिससे आने वाले मरीज को सरकार द्वारा दी जाने वाली सुविधाएं व दवाएं ठीक से मिल सकें।

महेश कुमार, जैतपुर वर्जन -

यहां पर दो डॉक्टरों की ड्यूटी है। दूसरे डॉक्टर की सासनी सीएचसी पर तैनाती है। आजकल वे वहीं पर ड्यूटी दे रहे हैं। उपलब्ध संसाधनों के हिसाब से मरीजों को सुविधाएं दी जा रही हैं।

-डॉ. नीलम सिंह, पीएचसी, सलेमपुर

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