विभाग की अनदेखी से असहाय पीएचसी

लंबे समय से बंद है उपचार की व्यवस्था सिर्फ वैक्सीन लगाने को पहुंचा स्टाफ।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 04 Jun 2021 01:18 AM (IST) Updated:Fri, 04 Jun 2021 01:18 AM (IST)
विभाग की अनदेखी से असहाय पीएचसी
विभाग की अनदेखी से असहाय पीएचसी

संसू, हाथरस : स्वास्थ्य विभाग की सेहत सुधारे जाने की सरकार लाख दावे करे, मगर ग्रामीण क्षेत्र में बने पीएचसी इसकी पोल खोल रहे हैं। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर कहीं डॉक्टर नहीं बैठते, कहीं फार्मासिस्ट भी नहीं हैं। वार्ड ब्वॉय व एएनएम भी निरंकुश हैं। सादाबाद क्षेत्र के गांव जैतई के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) का भी बुरा हाल है। महिलाओं को डिलीवरी के लिए सादाबाद जाना पड़ता है। इस केंद्र के अक्सर बंद रहने के कारण इसमें कई बार चोरी हो चुकी है। अरसे बाद यहां सिर्फ टीकाकरण के लिए चिकित्सक पहुंचे थे। गुरुवार को फिर इस केंद्र पर ताला लगा हुआ था।

आगरा के गांवों भी जुड़ाव : सादाबाद से जैतई मार्ग पर गांव जैतई से आगे दत्तावास मोड़ पर यह चिकित्सालय बना हुआ है। जैतई के साथ ग्राम पंचायत नगला कली, करैया, रहपुरा, करकौली, बेदई व सहपऊ की ग्राम पंचायत गुतहरा तथा आगरा की ग्राम पंचायत पीरौठा के ग्रामीण इस केंद्र पर निर्भर हैं मगर उपचार की समुचित व्यवस्था न होने से ग्रामीण झोलाछाप से उपचार कराने को विवश हैं।

स्टाफ की स्थिति : कोविड टीकाकरण के समय तीन-चार दिन यहां टीम आई थी। उसके बाद फिर कोई चिकित्सक अथवा स्टाफ यहां नहीं आया। वार्ड ब्वॉय के बीमार होने के कारण उसका पुत्र कभी-कभार यहां आकर हॉस्पिटल खोल लेता है, लेकिन किसी चिकित्सक के न आने के कारण उसका खोलना न खोलना बराबर है।

अस्पताल भवन की स्थिति : हॉस्पिटल कैंपस में ओपीडी कक्ष के अलावा कई कमरे हैं, जिनमें गंदगी व्याप्त है। बिजली के बोर्ड उखड़े पड़े हैं। पानी की टंकी तथा ट्यूबवेल बना है, मगर उसका कोई लाभ नहीं मिल रहा। कैंपस में एक हैंडपंप लगा है जो पूरी तरह से खराब है। कई आवास भी बने हैं, लेकिन सब धीरे-धीरे खंडहर होते जा रहे हैं। हेल्थ सेंटर तथा आवास की खिड़कियों के कांच गायब हैं। कुछ दरवाजे भी गायब हो चुके हैं। ग्रामीणों की मानें तो हेल्थ सेंटर तथा आवास यहां के युवाओं के लिए रंगरलियां मनाने का अड्डा बन चुके हैं। चारों तरफ गंदगी व्याप्त है। ग्रामीणों की मानें तो 10 मई को हॉस्पिटल के पिछले दरवाजे को तोड़कर यहां चोरी हुई थी। उस समय भी सिर्फ वार्ड ब्वॉय का पुत्र तथा एएनएम आई थी। चिकित्सक उस समय भी नहीं आए थे। बोले ग्रामीण

यहां डॉक्टर के न आने के कारण हम लोगों को दवा के लिए सादाबाद जाने को मजबूर होना पड़ता है। सरकार का हॉस्पिटल पर लाखों रुपये खर्च बेकार साबित हो रहा है।

-प्रेमपाल सिंह, जैतई महामारी के दौर में लोगों को जब दवाओं की जरूरत है, तब यह हॉस्पिटल बंद है। लोग सर्दी, खांसी, जुकाम, बुखार, से पीड़ित हुए तो झोलाछाप के यहां इलाज कराने पहुंचे।

-सुनील सिकरवार, गढ़ी नौकस सादाबाद से गुतहरा के बीच में यह एकमात्र सरकारी चिकित्सालय है। सरकार स्वास्थ्य सेवाओं के लिए तमाम दावा करती है लेकिन अस्पताल का भवन मुंह चिढ़ा रहा है।

-हेमंत गौतम, दत्तावास वर्जन

अस्पताल में दो डॉक्टर हैं। मेरी ड्यूटी सादाबाद सीएचसी में इमरजेंसी में है। दूसरे आयुष के डॉक्टर हैं, उनकी ड्यूटी हाथरस में लगी हुई है। डिलीवरी की सुविधा नहीं है। इसके लिए सादाबाद जाना पड़ता है। वार्ड ब्वॉय बीमार पड़ा हुआ है। फार्मासिस्ट भी नहीं हैं। अस्पताल में एक बार चोरी हो चुकी है। प्रधान से कहकर सफाई करानी पड़ती है।

डॉ. प्रभाष उपाध्याय, प्रभारी पीएचसी, जैतई

chat bot
आपका साथी