2016 के बाद अखिलेश से नहीं मिला : रामवीर
सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष से मिलने की चर्चाओं का बसपा से निलंबित विधायक रामवीर उपाध्याय ने किया खंडन।
जागरण संवाददाता, हाथरस : बहुजन समाज पार्टी के नौ विधायकों के मंगलवार को सपा मुखिया अखिलेश यादव से मिलने की चर्चाओं ने राजनीतिक सरगर्मी बढ़ा दी है। बसपा से निलंबित चल रहे हाथरस की सादाबाद विधानसभा क्षेत्र से विधायक और बसपा के पूर्व मंत्री रामवीर उपाध्याय का नाम भी नौ विधायकों में शामिल बताया जा रहा था, जबकि रामवीर उपाध्याय ने अखिलेश से मुलाकात की बात का खंडन किया है। उन्होंने कहा कि वे बसपा में हैं। अन्य किसी दल में नहीं जा रहे। वर्ष 2016 में जब सिकंदराराऊ विधायक थे और अखिलेश यादव मुख्यमंत्री थे, तब विधानसभा सत्र के दौरान उनसे मुलाकात हुई थी। इसके बाद आज तक अखिलेश यादव से नहीं मिले हैं। वह सुबह से हाथरस में ही हैं, लखनऊ गए ही नहीं।
मंगलवार दोपहर से चर्चाएं थीं कि लखनऊ में अखिलेश यादव से मुलाकात करने वाले बसपा के नौ विधायकों में रामवीर उपाध्याय भी शामिल हैं। रामवीर उपाध्याय ने बताया कि वे तो सुबह से ही जनपद में भ्रमण पर हैं। अखिलेश यादव से मिलने की खबरें गलत हैं। 'मैं बसपा का बागी नहीं हूं। आज भी बसपा का ही विधायक हूं। मैं कई दिन से लखनऊ गया ही नहीं। मंगलवार की सुबह पौने आठ बजे भाजपा के स्थानीय कार्यालय पर गया था। वहां प्रदेश सह संगठन महामंत्री कर्मवीर सिंह, प्रदेश उपाध्यक्ष ब्रज बहादुर भारद्वाज से मुलाकात की थी।' लोकसभा चुनाव के तुरंत
बाद हुआ था निलंबन
लोकसभा चुनाव 2019 के कुछ दिन बाद ही पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में बसपा के पूर्व मंत्री एवं विधायक रामवीर उपाध्याय को पार्टी से निलंबित कर दिया गया था। रामवीर उपाध्याय पर लोकसभा चुनाव में अलीगढ़, आगरा, फतेहपुर सीकरी समेत कई सीटों पर पार्टी का अंदरखाने विरोध करने का आरोप था। उन्हें मुख्य सचेतक पद से भी हटा दिया गया था।