हाथरस की जिला पंचायत अध्यक्ष को हाईकोर्ट से झटका

22 जून को पेश होने जा रहे अविश्वास प्रस्ताव के विरोध में दायर याचिका खारिज

By JagranEdited By: Publish:Tue, 18 Jun 2019 12:44 AM (IST) Updated:Tue, 18 Jun 2019 06:22 AM (IST)
हाथरस की जिला पंचायत अध्यक्ष को हाईकोर्ट से झटका
हाथरस की जिला पंचायत अध्यक्ष को हाईकोर्ट से झटका

विधि संवाददाता, प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अविश्वास प्रस्ताव को चुनौती देने वाली हाथरस की जिला पंचायत अध्यक्ष ओमवती यादव की याचिका खारिज कर दी है। कोर्ट ने अविश्वास प्रस्ताव को लेकर की जा रही कार्यवाही को दोषपूर्ण नहीं माना है। न्यायमूर्ति एसपी केशरवानी व न्यायमूर्ति पंकज भाटिया की खंडपीठ ने यह निर्णय दिया है।

ओमवती के खिलाफ कुछ सदस्यों ने अविश्वास प्रस्ताव जिलाधिकारी को दिया है। जिलाधिकारी प्रवीण कुमार लक्षकार ने इस पर चर्चा के लिए 22 जून की तारीख तय की है। ओमवती ने अविश्वास प्रस्ताव पर कार्यवाही रुकवाने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। उनका कहना था कि राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के तहत 12 जून को 16 सदस्यों ने उनके विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस जिलाधिकारी को भेजा, जिस पर कोई तारीख अंकित नहीं थी। जिलाधिकारी ने उसी आधार पर चर्चा के लिए 22 जून की तारीख तय कर दी। याची का कहना था कि जिलाधिकारी के नोटिस के साथ अविश्वास प्रस्ताव नोटिस की प्रति संलग्न नहीं थी, जो कानून के मुताबिक सही नहीं है। कोर्ट ने उनके तर्को को खारिज कर दिया। जिला पंचायत अध्यक्ष पद

को लेकर बढ़ी सरगर्मी सियासी सनसनी

ओमवती यादव को हाईकोर्ट से झटका, रामवीर समर्थक गद्गद

अब 22 जून को होने वाले मत विभाजन पर सभी की निगाहें जासं, हाथरस : जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी को लेकर अब सरगर्मी बढ़ गई है। मत विभाजन के नोटिस को चुनौती संबंधी जिला पंचायत अध्यक्ष ओमवती यादव की याचिका खारिज होने के बाद रामवीर समर्थक गद्गद हैं। सभी की निगाहें अब 22 जून को होने वाले मत विभाजन पर टिकी हुई हैं।

गौरतलब है कि एक जून को 25 में से 16 जिला पंचायत सदस्य डीएम के सामने पेश हुए थे। इन सदस्यों ने ओमवती यादव के खिलाफ अविश्वास जताते हुए जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान कराने की मांग की थी। इन सदस्यों के साथ पूर्व मंत्री रामवीर उपाध्याय भी थे। डीएम ने इस प्रस्ताव पर मतदान के लिए 22 जून की तिथि नियत कर दी। बाद में ओमवती यादव भी डीएम से मिली थीं और उन्होंने यह हवाला दिया था कि जिला पंचायत के कई मामले हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में लंबित हैं, इसलिए अविश्वास प्रस्ताव के नोटिस को खारिज किया जाए मगर तब तक जिला प्रशासन ने 22 जून की तिथि तय कर दी थी। इस बीच ओमवती यादव ने हाइकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। हाईकोर्ट से भी ओमवती को राहत नहीं मिली। ऐसे में ओमवती समर्थक निराश हुए हैं। अब 22 जून के मत विभाजन की प्रकिया पर सभी नजर हैं। मत विभाजन की प्रक्रिया के लिए पीठासीन अधिकारी नियुक्त करने को डीएम ने जिला न्यायाधीश को पत्र लिखा है। एक-दो दिन में जिला न्यायाधीश पीठासीन अधिकारी नियुक्त कर सकते हैं।

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