बूलगढ़ी कांड: नहीं हो सकी गवाही पर बहस

बहुचर्चित बूलगढ़ी कांड के चारों आरोपित मंगलवार को विशेष न्यायालय एससी-एसटी एक्ट में प्रवेश किए गए।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 16 Mar 2021 11:12 PM (IST) Updated:Tue, 16 Mar 2021 11:12 PM (IST)
बूलगढ़ी कांड: नहीं हो सकी गवाही पर बहस
बूलगढ़ी कांड: नहीं हो सकी गवाही पर बहस

जासं, हाथरस: बहुचर्चित बूलगढ़ी कांड के चारों आरोपित मंगलवार को विशेष न्यायालय एससी-एसटी अधिनियम में पेश किए गए। इसके लिए इन्हें कड़ी सुरक्षा में अलीगढ़ जेल से लाया गया, लेकिन मृतका के भाई के न आने के चलते बहस नहीं हो सकी। मृतका के बड़े भाई की गवाही पर बहस होनी थी। इसके लिए अब 17 मार्च तय की गई है।

बड़े भाई ने ही मुकदमा दर्ज कराया था। पिछली तारीख पर गवाही दी थी। इस पर बहस चारों आरोपित संदीप, रवि, रामकुमार उर्फ रामू और लवकुश के सामने होनी थी। ये आरोपित गांव के ही हैं। करीब पांच महीने से जेल में हैं। इनके खिलाफ हत्या व सामूहिक दुष्कर्म का आरोप पत्र 18 दिसंबर को सीबीआइ ने विशेष न्यायालय एससी-एसटी एक्ट अधिनियम में दाखिल किया था। कई बार सुनवाई के बाद चारों आरोपितों पर आरोप तय किए जा चुके हैं। मंगलवार को गवाही पर बहस के लिए सीबीआइ के अधिवक्ता अनुराग मोदी, एक अन्य अधिकारी व पीड़ित पक्ष के अधिवक्ता भागीरथ सिंह सोलंकी सुबह 11 बजे कोर्ट पहुंच गए थे। भागीरथ सिंह सोलंकी ने बताया आवश्यक कार्य के कारण मृतका का बड़ा भाई कोर्ट नहीं आ सका। कोर्ट ने अब सुनवाई के लिए 17 मार्च की तिथि नियत की है।

आरोपितों से मिलने को दिन भर भटके स्वजन

मंगलवार को सख्ती के कारण बूलगढ़ी कांड के आरोपितों से उनके स्वजन नहीं मिल सके। सुबह ग्यारह बजे आने के बाद सीधे हवालात लाए गए। स्वजन सुबह से ही बाहर बैठे इंतजार करते रहे। बार-बार पुलिस कर्मी उन्हें वहां से हटा जाते। शाम को चार बजे के लगभग चारों को पुलिस वैन तक लाया गया, तो स्वजन भी दौड़े लेकिन पुलिस सख्ती के कारण पास तक नहीं जा सके।

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