Hathras Case Hearing: हाथरस कोर्ट ने रवि और लवकुश की जमानत अर्जी पर फैसला किया सुरक्षित

Hathras Case Hearing यूपी सरकार की काफी दिन किरकिरी कराने वाले हाथरस के बूलगढ़ी गांव में दलित युवती के साथ कथित सामूहिक दुष्कर्म और मौत के मामले में आरोपित रवि और लवकुश की ओर से विशेष न्यायालय एससी-एसटी एक्ट में दाखिल की गई जमानत अर्जी पर बुधवार सुनवाई हुई।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Wed, 10 Feb 2021 05:15 PM (IST) Updated:Thu, 11 Feb 2021 02:38 AM (IST)
Hathras Case Hearing: हाथरस कोर्ट ने रवि और लवकुश की जमानत अर्जी पर फैसला किया सुरक्षित
कोर्ट ने हाथरस कांड के आरोपी रवि और लवकुश की जमानत अर्जी पर फैसला सुरक्षित किया।

हाथरस, जेएनएन। उत्तर प्रदेश सरकार की काफी दिन किरकिरी कराने वाले हाथरस के बूलगढ़ी गांव में दलित युवती के साथ कथित सामूहिक दुष्कर्म और मौत के मामले में आरोपित रवि और लवकुश की ओर से विशेष न्यायालय एससी-एसटी एक्ट में दाखिल की गई जमानत अर्जी पर बुधवार सुनवाई हुई। अर्जी तीन फरवरी को दाखिल की गई थी। अदालत ने फैसला सुरक्षित रखा है। इस दौरान पीड़िता का का भाई भी सीआरपीएफ की सुरक्षा के बीच न्यायालय पहुंचा। साथ ही सीबीआइ की जांच अधिकारी डीएसपी सीमा पाहुजा भी पहुंची थीं। 29 जनवरी को हुई सुनवाई के दौरान रामू की जमानत याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दिया था।

बूलगढ़ी मामले में चारों आरोपित संदीप, रामू, रवि और लवकुश फिलहाल अलीगढ़ जेल में हैं। 67 दिन की जांच के बाद सीबीआइ ने हाथरस के विशेष न्यायालय (एससी-एसटी अधिनियम) में चार्जशीट दाखिल की थी। चार जनवरी को पेशी के बाद चारों को चार्जशीट की प्रति दी गई थी। सुनवाई के दौरान आरोपित पक्ष के अधिवक्ता मुन्ना सिंह पुंढीर ने आठ जनवरी को रामू की जमानत अर्जी दाखिल की थी। इस पर 20 जनवरी को सुनवाई होनी थी, मगर स्थानीय अधिवक्ताओं की हड़ताल के चलते सुनवाई 29 जनवरी को ही निर्धारित की गई थी। दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायालय ने फैसला सुरक्षित कर लिया था।

बता दें कि उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में चंदपा इलाके के बूलगढ़ी गांव में 14 सितंबर, 2020 को चार लोगों ने कथित रूप से 19 साल की दलित लड़की से सामूहिक दुष्कर्म किया था। इस दौरान लड़की को गंभीर चोट आई थी। दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में इलाज के दौरान 29 सितंबर को पीड़िता की मौत हो गई थी। पीड़िता की 30 सितंबर को रात के अंधेरे में उसके घर के पास ही अंत्येष्टि कर दी गई थी। उसके परिवार का आरोप है कि स्थानीय पुलिस ने जल्दबाजी में अंतिम संस्कार करने के लिए मजबूर किया, जबकि स्थानीय पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों का कहना है कि परिवार की इच्छा के मुताबिक ही अंतिम संस्कार किया गया।

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