सीमा विस्तार के बाद तीन ब्लाक के चार ग्रामों का होगा परसीमन

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर सरगर्मी तेज हो गई हैं।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 04 Dec 2020 11:56 PM (IST) Updated:Fri, 04 Dec 2020 11:56 PM (IST)
सीमा विस्तार के बाद तीन ब्लाक  के चार ग्रामों का होगा परसीमन
सीमा विस्तार के बाद तीन ब्लाक के चार ग्रामों का होगा परसीमन

जागरण संवाददाता, हाथरस: त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर सरगर्मी तेज हो गई हैं। प्रधानी के चुनाव के लिए अब सीमा विस्तार के बाद ग्राम पंचायतों और क्षेत्र पंचायतों का आंशिक परिसीमन किया जाएगा। आपत्तियों का निस्तारण करने के लिए डीएम की अध्यक्षता में टीम बनाई गई है जिसमें अध्यक्ष डीएम एवं सीडीओ, अपर मुख्य अधिकारी एवं जिला पंचायत राज अधिकारी सदस्य होंगे।

नगर पालिका सीमा विस्तार के बाद ग्रामों का आंशिक परिसीमन जरूरी है। ये बात जिलाधिकारी प्रवीण कुमार लक्षकार ने हाथरस, मुरसान और सासनी के सभी खंड विकास अधिकारियों को लिखे गए पत्र में कही हैं। ग्राम पंचायतों के आर्थिक पुनर्गठन की कार्यवाही अधिकांश जनपदों में की जा चुकी है। ऐसे में आंशिक परिसीमन होना जरूरी है।

निस्तारण, प्रकाश की तिथियां तय

2011 की जनसंख्या के आधार पर ग्राम पंचायतवार अवधारण किया जाएगा चार दिसंबर से 12 दिसंबर तक, ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत के प्रादेशिक निर्वाचन की सूची की तैयारी और प्रकाशन 12 दिसंबर से 21 दिसंबर तक।

प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्रों पर आपत्तियां इन तारीखों में होंगी- 22 दिसंबर से 26 दिसंबर तक

अंतिम सूची का प्रकाशन- तीन जनवरी से छह जनवरी तक होगा।

ब्लाक-ग्राम पंचायत का नाम-पंचायत की कुल जनसंख्या

हाथरस-नगला अलिया,2935

मुरसान- चंदपा,1914

मुरसान- हतीसा, 2983

सासनी- रुहेरी,6415

30 गांव के नगर पालिका क्षेत्र में आने के बाद फिर से परिसीमन किया जाएगा। इसके लिए टीमें बनाकर उनको दायित्व सौंपा गया है। ये काम शुरू कर दिया गया है। जनवरी में प्रकाश सूची जारी होगी।

बनवारी सिंह, डीपीआरओ

तीन गांव राजस्व गांव से अटैच

जासं, हाथरस: नगर पालिका सीमा विस्तार के बाद शामिल होने से रह गए तीन गांव नगला उम्मेद, पट्टी सावंत और रमनपुर की मढैया को पड़ोस के राजस्व गांव से अटैच कर दिया गया है ताकि उनका समुचित विकास हो सके। इस संबंध में जिला पंचायत राज अधिकारी का कहना है कि सरकार की योजना है कि कोई गांव विकास से वंचित न रहने पाए। इन गांव को नगर पालिका क्षेत्र शामिल होने के लिए गया गया था मगर शामिल नहीं सके। अब इनका विकास करने के लिए पड़ोस राजस्व गांव से अटैच कर दिए गए हैं।

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