हाथरस में जमीन खरीद घोटाले की जांच पूरी
-सीईओ ने जांच रिपोर्ट प्राधिकरण चेयरमैन को सौंपी
जासं, ग्रेटर नोएडा : यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में हाथरस में हुए जमीन घोटाले की जांच पूरी हो गई। सीईओ ने जांच रिपोर्ट प्राधिकरण चेयरमैन डॉ. प्रभात कुमार को सौंप दी है। अब आरोपितों पर कार्रवाई के लिए शिकंजा कसा जाएगा। मथुरा के जमीन घोटाले में शामिल लोग इस मामले में भी आरोपित हो सकते हैं।
यमुना एक्सप्रेस-वे के निर्माण के लिए हाथरस जिले के मिढ़ावली गांव में 42 हेक्टेयर जमीन अधिगृहीत की गई थी। इस जमीन के प्रभावित किसानों को आबादी भूखंड देने के लिए प्राधिकरण ने मास्टर प्लान से बाहर जाकर जमीन खरीदी। नियमानुसार प्राधिकरण अधिगृहीत जमीन के बदले उसी गांव के निकट जमीन देता है, लेकिन इस मामले में अधिकारियों ने नियमों का उल्लंघन किया।
मथुरा जिले के जमीन अधिग्रहण से प्रभावित किसानों को भी आबादी भूखंड देने के लिए हाथरस जिले में जमीन खरीदी गई। प्राधिकरण के तत्कालीन अफसरों पर आरोप है कि उन्होंने नाते रिश्तेदारों को फायदा पहुंचाने को पहले उनसे किसानों की सस्ती कीमत पर जमीन खरीदवाई। इसके बाद प्राधिकरण ने इसे मौजूदा दरों से काफी अधिक में खरीद लिया। इससे अधिकारियों के रिश्तेदारों को करोड़ों का फायदा हुआ। मामले की शिकायत मिलने पर प्राधिकरण चेयरमैन डॉ. प्रभात कुमार ने प्रारंभिक जांच कराई थी। आरोप पुष्टि होने पर गहनता जांच कराई गई, जिसकी रिपोर्ट सोमवार को प्राधिकरण सीईओ डॉ. अरुणवीर ¨सह ने चेयरमैन को सौंप दी है। मथुरा जमीन घोटाले में तत्कालीन प्राधिकरण सीईओ एवं सेवानिवृत्त आइएएस अफसर पीसी गुप्ता समेत नौ आरोपित जेल में हैं। इसमें कुछ ने समर्पण किया था। एक आरोपित को हाईकोर्ट से जमानत मिल चुकी है। पूर्व सीईओ की जमानत को हाईकोर्ट खारिज कर चुका है। आरोपित तहसीलदार को सीबीआइ ने भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार किया है। वर्जन-
हाथरस जिले में जमीन खरीद के मामले की जांच रिपोर्ट मिल चुकी है। उसका अध्ययन किया जाएगा।
-डॉ. प्रभात कुमार, चेयरमैन यमुना प्राधिकरण