शहर में गुटखा और पान मसाला की नहीं रुक रही कालाबाजारी
थोक दुकानदार ने बढ़ाए दाम फुटकर वाले भी जमकर कर रहे कमाई 10 रुपये वाले दो गुटखे मिल रहे 15 रुपये के।
जासं, हाथरस : शहर में पान मसाला की कालाबाजारी करने वाले बेखौफ नजर आ रहे हैं। शहर में डिस्ट्रीब्यूटर सादा पान मसाला व तंबाकू वाले मसाले की जमकर कालाबाजारी कर रहे हैं। थोक दुकानदारों की ओर से महंगा दिए जाने से फुटकर वाले भी ग्राहकों से मनमाना दाम वसूल रहे हैं।
जब से शहर में लॉकडाउन की अफवाह उड़ी है, तब से खाद्य पदार्थों के अलावा पान मसाला और तंबाकू उत्पादों के दाम भी आसमान छूने लगे हैं। मौके का फायदा थोक और फुटकर दुकानदार मिलकर उठा रहे हैं। बाजार के सूत्र बताते हैं कि कंपनी की ओर से दाम नहीं बढ़ाए गए हैं और कहीं आपूर्ति में बाधा भी नहीं है, मगर थोक दुकानदार 130 रुपये का माल 200 रुपये और दो सौ रुपये का माल तीन सौ रुपये तक बेच रहे हैं। वहीं आठ सौ रुपये का माल 875 रुपये तक बेचा जा रहा है। फुटकर दुकानदार पांच रुपये वाला पान मसाला 15 रुपये के दो दे रहे हैं। इस कालाबाजारी पर प्रशासन व विभागीय अफसरों की नजर नहीं है। पिछले साल कोरोना काल में भी थोक व फुटकर दुकानदारों ने जमकर फायदा उठाया था। इनका कहना है
खाद्य पदार्थों और आवश्यक वस्तुओं के भंडारण की अनुमति नहीं है। इसकी कालाबाजारी करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए टीमें बनाकर चेकिग की जाएगी।
- अंजलि गंगवार, एसडीएम सदर।
डिस्ट्रीब्यूटर ने बंटवाया माल,
गुटखे के हाई रेट हुए धड़ाम
जागरण इंपैक्ट
पुराने रेट पर भी बेचने को मजबूर हुए फुटकर विक्रेता
-थोक में 50 रुपये से लेकर 100 रुपये अधिक वसूले जा रहे थे
संसू, सादाबाद : लॉकडाउन की अफवाह के बाद गुटखा की कालाबाजारी शुरू हो गई थी। दैनिक जागरण ने गुरुवार के अंक में इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। इस खबर के बाद डिस्ट्रीब्यूटर ने सेल्समैन के माध्यम से चाय-पान की दुकानों पर निर्धारित मूल्य पर माल दिलवाया। इससे बाजार में दाम आम दिनों की तरह हो गए।
लॉकडाउन की अफवाह के बाद दुकानदारों ने गुटखा और सादा पान मसाला का स्टॉक जमा करना शुरू कर दिया था। इससे कीमतें बढ़नी शुरू हो गईं। पीला पान मसाला तथा नीला पान मसाला जिसकी बाजार में जबरदस्त मांग थी, उस पर प्रति पैकेट 50 से लेकर 100 तक अतिरिक्त वसूला जा रहा था, जिसके कारण 1-1 पाउच खरीदने वाले व्यक्ति को दोगुना रेट देने को मजबूर होना पड़ रहा था। डिस्ट्रीब्यूटर के माध्यम से गुटखा व सादा पान मसाला से चाय तथा पान विक्रेताओं के यहां पूर्व के रेटों में उपलब्ध कराया गया। निर्धारित रेट पर माल मिलने के कारण पान और चाय विक्रेताओं ने भी पुराने रेट पर ही बिक्री शुरू कर दी। यह जानकारी कालाबाजारी करने वाले लोगों को हुई तो वे लोग हक्के बक्के रह गए और उन्होंने भी अपने माल के दाम कम करना शुरू कर दिया।