प्रगतिशील किसान बोले, सुबह से न भोजन न पानी
कार्यक्रम प्रस्तुत करने आईं बेटियां भी भूख-प्यास से रहीं परेशान अफसर भी बोले क्या हम लोगों के लिए नहीं है भोजन की व्यवस्था।
जागरण संवाददाता, हाथरस: बुधवार की सुबह से ही प्रगतिशील किसानों को कार्यक्रम स्थल पर बुला लिया गया था, मगर उनके लिए न तो प्रशासन की ओर से पानी का इंतजाम था और न भोजन की व्यवस्था थी। इसी तरह फोर्स से लेकर सुबह से लगे कर्मचारी भी भूख से बिलबिला गए। कार्यक्रम पेश करने के लिए कुछ स्कूलों की बेटियों को सुबह से ही बुला लिया गया मगर वे भी दिनभर भूखी रहीं।
बुधवार की सुबह से कार्यक्रम को लेकर पुलिस प्रशासन जुटा था। राज्यपाल के स्वागत के लिए स्कूल की बेटियों को सांस्कृतिक कार्यक्रम के लिए बुला लिया गया था। इसी तरह से जनपद से 25 प्रगतिशील किसानों, दिव्यांगजनों, शिक्षकों को बुलावा था। सभी लोग मीटिग हॉल में मौजूद थे। यहां खानपान का कोई इंतजाम नहीं था। जिन किसानों को संवाद के लिए बुलाया गया, उनमें कई किसान मीटिग हाल से बाहर कर दिए गए।
मीटिग हाल की कुर्सियां
खाली देख बुलाए किसान
जिन प्रगतिशील किसानों को मीटिग हाल से बाहर निकाल दिया गया था, उनको भीड़ की जरूरत होने पर अंदर बुला लिया गया, मगर उनको पानी और भोजन देने की फिक्र किसी अफसर को नहीं थी। इसी कारण वे नाराज नजर आए। इनके अलावा कई विभाग के कर्मचारी और पुलिसकर्मियों का भी यही हाल था। जिन पुलिसकर्मी की ड्यूटी सुबह से हेलीपैड या अन्य कार्यक्रम स्थल पर थी, वहां भी पुलिस वाले भूखे-प्यासे नजर आए। वर्जन --
हमें यहां सुबह नौ बजे से बुला लिया गया। कार्यक्रम करीब एक बजे शुरू हुआ जो शाम चार बजे तक चला। मगर न तो संवाद कराया गया और न ही भोजन और पानी की व्यवस्था के बारे में सोचा गया।
ओमबिहारी उपाध्याय, किसान। प्रगतिशील किसानों को जब बुलाया गया था तो उनको सम्मान दिया जाना चाहिए था। मगर जिस तरह से बर्ताव किया गया, यह ठीक नहीं था। अंदर बिठाया तो मीटिग से बाहर क्यों कर दिया गया।
-भगवान सिंह, किसान।