जल संरक्षण का संदेश दे रहे सरकारी भवन
विकास भवन और कलक्ट्रेट के अलावा कई और दफ्तरों में लगा है रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम।
जागरण संवाददाता, हाथरस : आने वाले कल में पानी की एक-एक बूंद कीमती होगी। इसलिए हमें अभी से ही जल संचयन के बारे में गंभीरता से विचार करना चाहिए। अगर हमने आज नहीं सोचा तो आने वाला कल भयावह होगा। हाथरस में 15 साल के दरम्यान जितने भी सरकारी दफ्तर बनाए गए हैं, उनमें रेन हार्वेस्टिग सिस्टम की व्यवस्था है। ये सरकारी भवन जल संरक्षण का संदेश भी दे रहे हैं।
ये भी जानिए : प्राकृतिक जल स्त्रोत कम होते जा रहे हैं और भूगर्भ जल का दोहन लगातार हो रहा है। इससे धरती पर पानी कम होता जा रहा है। इसकी भरपाई तभी हो सकती है जब हम सब जल संचयन के बारे में सोचें। युवा पीढ़ी का इस ओर कतई ध्यान नहीं है, इसलिए उन्हें बताना होगा कि जल के बिना कल सुरक्षित नहीं है। हमें पानी की एक-एक बूंद की कीमत समझनी होगी। इस बारे में हम गंभीर न हुए तो आने वाले दिन दिक्कत भरे होंगे। आने वाली पीढ़ी पानी के लिए संघर्ष करती नजर आएगी। इन दिनों पानी का खूब दोहन हो रहा है। इसे लेकर कुछ ही लोग गंभीर नजर आते हैं। वैसे इसमें कोई शक नहीं है कि भूगर्भ जल स्तर कम देखते हुए लोगों में जागरूकता बढ़ी है। सरकारी आदेशों को लेकर सरकारी विभाग 100 फीसद पालन कर रहे हैं। सरकारी दफ्तरों में है रेन
हार्वेस्टिग की व्यवस्था
कलक्ट्रेट और विकास भवन के अलावा अन्य सरकारी दफ्तरों में एसपी दफ्तर और बीएसए आफिस में रेन हार्वेस्टिग की माकूल व्यवस्था है। मगर अभी भी कुछ सरकारी दफ्तर ऐसे हैं, जहां रेन वाटर हार्वेस्टिग की माकूल व्यवस्था नहीं हो पाई है। इनमें एक भवन है नगर पालिका का। इस बारे में पड़ताल करने पर पता चला कि नगर पालिका दफ्तर का भवन पुराना है इसलिए वहां रेन हार्वेस्टिग की व्यवस्था नहीं हो पाई। नए नगर पालिका भवन में होगी
रेन वाटर हार्वेस्टिग की व्यवस्था
नगर पालिका के अधिशासी अभियंता डा. विवेकानंद गंगवार का कहना है कि नगर पालिका का दफ्तर नया बनाया जाना प्रस्तावित है। उस प्रस्तावित भवन में नगर पालिका हर हाल में रेन वाटर हार्वेस्टिग का इंतजाम किया जाएगा। सरकार के भी दिशा निर्देश हैं कि 300 वर्ग गज से अधिक के भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिग की व्यवस्था हर हाल में होनी चाहिए।
जरूरी सुझाव
-हर नागरिक में जल संरक्षण के लिए जागरूकता लानी होगी।
-हर नागरिक शावर की जगह बाल्टी में पानी भरकर स्नान करें।
-सेविग करते समय नल बंद रखें।
-बर्तन धुलते समय नल के स्थान पर टब का प्रयोग करें।
-टॉयलेट में लगी फ्लश की टंकी में प्लास्टिक की बोतल में पानी भरकर रख देने से हर बार एक लीटर जल बचाया जा सकता है।
-प्रयोज्य जल का सिचाई में उपयोग करके भी जल संरक्षण किया जा सकता है।
-वर्षा जल छत पर संरक्षित कर उसका भी उपयोग करना। इसके लिए छत पर पानी खुली टंकी बनानी होगी।
-सार्वजनिक स्थल के नल की टोटी अक्सर खराब रहती है, उसकी मरम्मत कर पानी संरक्षित किया जा सकता है।
-पर्यावरण के प्रति जागरूकता जरूरी है क्योंकि पर्यावरण संतुलन का सकारात्मक प्रभाव जल संरक्षण पर पड़ता है। वर्जन ---
शासन के निर्देश पर पहले से ही सरकारी भवनों में जहां रेन वाटर हार्वेस्टिग की व्यवस्था अनिवार्य कर दी गई है। वहीं गैर सरकारी इमारत बनाने वाले बिल्डरों को कहा गया है कि वह जल संचयन के लिए रेन वाटर हार्वेस्टिग की माकूल व्यवस्था सुनिश्चित करें।
-आरबी भास्कर, मुख्य विकास अधिकारी हाथरस।