सिकंदराराऊ रेलवे स्टेशन से 30 घंटे बाद रवाना हुई मालगाड़ी

बुधवार की रात पट्रोलियम वैगन गाड़ी खड़ी करके चले गए थे गार्ड व चालक ट्रेन खड़ी होने से बंद रहा बुंदू खां स्थित रेलवे क्रासिग का गेट।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 27 Nov 2021 03:55 AM (IST) Updated:Sat, 27 Nov 2021 03:55 AM (IST)
सिकंदराराऊ रेलवे स्टेशन से 30 घंटे  बाद रवाना हुई मालगाड़ी
सिकंदराराऊ रेलवे स्टेशन से 30 घंटे बाद रवाना हुई मालगाड़ी

संवाद सहयोगी, हाथरस : पेट्रोलियम टैंकर मालगाड़ी को स्टेशन के समीप खड़ी कर गार्ड व चालक चले गए। यह ट्रेन करीब 30 घंटा बाद दूसरे गार्ड व चालक के आने पर मथुरा की ओर रवाना हुई। इस दौरान रेलवे क्रासिग का गेट बंद रहने से राहगीरों व स्थानीय लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा।

रेलवे को सबसे संवेदनशील विभाग समझा जाता है। थोड़ी कमी होने पर त्वरित कार्रवाई की जाती है। अब यहां पर यह कहावत झूठी साबित हो रही है। बुधवार की रात करीब 12.15 बजे मालगाड़ी को सिकंदराराऊ स्टेशन के पास बुंदूखां के समीप रेलवे क्रासिग पर खड़ी करके चले गए। यह ट्रेन दूसरे दिन भी खड़ी रही। यह ट्रेन कासगंज से मथुरा की ओर जा रही थी। स्टेशन मास्टर ने इसकी सूचना तत्काल मंडल कार्यालय पर उच्चाधिकारियों को दी मगर काफी इंतजार के बाद भी चालक व गार्ड के नहीं आने से स्टेशन प्रशासन भी परेशान रहा। फाटक बंद रहने राहगीर परेशान

मालगाड़ी क्रासिग गेट के सामने ही खड़ी थी। इसलिए इस क्रासिग गेट को बंद रखा गया था। इससे गढ़ी बुंदू खां, मोहनगढ़ी सहित छह गांव के राहगीरों का रास्ता अवरुद्ध हो गया। वाहन चालकों के साथ स्थानीय लोगों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। ट्रेन खड़ी रहने से स्टेशन प्रशासन को भी सचेत रहना पड़ा। जीआरपी व आरपीएफ भी सक्रिय रहे।

उच्चाधिकारियों के निर्देश पर कासगंज से चालक व गार्ड भिजवाए गए। इसके बाद यह ट्रेन शुक्रवार को सुबह करीब छह बजे स्टेशन के पास से मथुरा की ओर रवाना हुई। ट्रेन के जाने के बाद ही रेलवे क्रासिग के गेट को खोला गया। एएसएम सतीश चंद्र शर्मा ने बताया कि ट्रेन को सुबह रवाना कर दिया गया। उच्चाधिकारियों को भी अवगत करा दिया है। इनका कहना है

मालगाड़ी रेलवे क्रासिग गेट पर खड़ी थी। इससे पैदल फाटक पार करना मुश्किल हो गया था।

-हिमांशु सिंह, स्थानीय निवासी ट्रेन खड़ी होने से क्रासिग गेट पूरी तरह से बंद था। राहगीरों को करीब दो से तीन किलोमीटर दूर घूमकर जाना पड़ा।

-मुकेश, स्थानीय निवासी ट्रेन करीब 30 घंटे तक खड़ी रही। इससे गड़ी बुंदू खां व मोहनगढ़ी सहित कई गांवों के लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा।

- राम बोहरा, स्थानीय निवासी

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