गांव में एक्सपर्ट से मिल रही है मुफ्त में कानूनी सलाह
दिल्ली के वकील और हितग्राहियों के बीच वीडियो कान्फ्रेंसिग से संवाद को-पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लागू किया मिलने लगे अछे परिणाम।
जागरण संवाददाता, हाथरस: भारत सरकार के न्याय विभाग एवं राष्ट्रीय विधि सेवा प्राधिकरण के सौजन्य से कानूनी प्रक्रिया को आमजन तक सुगम तरीके से पहुंचाने की पहल की गई है। सीएससी ई-गवर्नेंस के माध्यम से सीएससी पर महज 30 रुपये में रजिस्ट्रेशन कर नि:शुल्क कानूनी सलाह की व्यवस्था की जाती है।
लोगों को कानूनी सलाह के लिए वकील के पास जाना पड़ता है, जहां मोटी फीस ली जाती है। गरीब तबके के पीड़ित अक्सर वकीलों की फीस के दबाव में न्याय पाने से वंचित रह जाते हैं। इसको देखते हुए केंद्रीय न्याय विभाग ने सीएससी ई-गवर्नेंस के माध्यम से यह योजना लागू की है। इसमें सूचना एवं संचार तकनीकी का इस्तेमाल करके दिल्ली के एक्सपर्ट वकील और जरूरतमंद हितग्राहियों के बीच वीडियो कांफ्रेंसिग के जरिये संवाद कराया जाता है। फिर जरूरत के अनुसार कानूनी सलाह दी जाती है। अच्छे परिणाम को देखते हुए टेली लॉ योजना को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लागू किया गया है। सलाह पाने की प्रक्रिया
सीएससी जिला प्रबंधक प्रदीप सिंह ने बताया कि टेली-लॉ के माध्यम से लाभ लेने के लिए हितग्राहियों को उनके गांव, पंचायत में उपस्थित कामन सर्विस सेटर (सीएससी) पर जाना पड़ता है, जहां पोर्टल के माध्यम से हितग्राही का ऑनलाइन पंजीयन होता है। उसमें उनका नाम, उम्र, पता, फोन नंबर तथा समस्या का संक्षिप्त में वर्णन होता है। इसके बाद एक्सपर्ट से समय के लिए अपाइंटमेंट फिक्स कर लिया जाता है। एक्सपर्ट की ओर से तय समय में हितग्राही को कानूनी सलाह वीडियो कांफ्रेंसिग के माध्यम से प्रदान की जाती है।
सीएससी के माध्यम से टेली लॉ योजना का लाभ लेने के लिए हितग्राही को अपने पता का पूफ्र, जन्मप्रमाण पत्र, दिव्यांग है तो उसका सर्टिफिकेट लेकर पंजीयन कराना पड़ता है।
इनको मिलेगा निश्शुल्क लाभ
महिलाएं, बच्चे, अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति के सदस्य, औद्योगिक कामगार, श्रमिक, मजदूर, जातीय हिसा से पीड़ित, प्राकृतिक आपदा से पीड़ि़त जैसे भूकंप, बाढ़, सूखा, दिव्यांग व्यक्ति, मानसिक रूप से अस्वस्थ, गरीबी रेखा से नीचे के नागरिक, ऐसे व्यक्ति जो अभिरक्षा में हैं।