पूर्व सांसद चंद्रपाल सैलानी का निधन

हाथरस सुरक्षित लोकसभा सीट से दो बार चुने गए थे सांसद चंद्रपाल सैलानी कई आंदोलनों में शामिल रहे और जेल भी गए।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 01 Dec 2021 04:43 AM (IST) Updated:Wed, 01 Dec 2021 04:43 AM (IST)
पूर्व सांसद चंद्रपाल सैलानी का निधन
पूर्व सांसद चंद्रपाल सैलानी का निधन

संवाद सूत्र, हाथरस : हाथरस के पूर्व सांसद चंद्रपाल सैलानी का मंगलवार को निधन हो गया। वे 81 वर्ष के थे। कई दिन से बीमार थे। दिल्ली के एक अस्पताल में सुबह करीब 10 बजे अंतिम सांस ली। उनका पार्थिक शरीर शाम को सिकंदराराऊ स्थित आवास पर लाया गया। शासकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।

सिकंदराराऊ के मोहल्ला नौरंगाबाद पूर्वी निवासी चंद्रपाल सैलानी हाथरस सुरक्षित लोकसभा सीट से दो बार सांसद रहे। सबसे पहले वर्ष 1971 में इंडियन नेशनल कांग्रेस पार्टी से चुनाव जीतकर लोकसभा गए थे। इसके बाद वर्ष 1980 में जनता पार्टी सेक्यूलर से सांसद बने थे। अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने कई आंदोलन किए। कई बार जेल गए।

उनके निधन का समाचार मिलते ही कई नेता और गणमान्य लोग उनके घर पहुंचकर श्रद्धांजलि दी। पार्थिव शरीर आवास पर पहुंचने के बाद अंतिम यात्रा निकाली गई। एसडीएम वेद सिंह चौहान, कोतवाल एके सिंह, समेत पुलिस कर्मियों की मौजूदगी में शासकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। मुखाग्नि बड़े बेटे प्रबुद्ध सैलानी ने दी। परिवार में पत्नी निर्मला सैलानी, बेटे प्रबुद्ध सैलानी, सिद्धार्थ सैलानी, अनंत सैलानी, पुत्री विशाखा हैं।

पूर्व सांसद के निधन पर पूर्व विधायक यशपाल सिंह चौहान, अमर सिंह यादव, चेयरमैन सरोज देवी, व्यापारी नेता विपिन वाष्र्णेय, सपा नेता महेंद्र सिंह सोलंकी, भाजपा के जिला कोषाध्यक्ष पंकज गुप्ता, डंबर सिंह, ओमप्रकाश गौतम, बबलू सिसौदिया, मेहराज कुरैशी आदि ने श्रद्धांजलि दी। समाज सेवा में आगे रहे सैलानी

पूर्व सांसद चंद्रपाल सैलानी पढ़ाई के दौरान राजनीति में सक्रिय हो गए थे। वर्ष 1971 में वह महज 31 वर्ष की उम्र में पहली बार सांसद बने थे। इससे पहले उन्होंने आंबेडकर शिक्षा संस्थान की स्थापना की। अनुसूचित जाति के छात्र-छात्राओं के लिए सामाजिक, सांस्कृतिक और शिक्षण संस्थान की स्थापना भी कराई। वह कई आंदोलनों में शामिल हुए। वर्ष 1990 में 10 साल की बच्ची की सामूहिक दुष्कर्म के बाद हत्या के मामले में कार्रवाई न होने पर दलित संघर्ष समिति के बैनर तले इनके नेतृत्व में जुलूस निकाला गया था। सिकंदराराऊ कोतवाली के सामने लोग धरने पर बैठे थे। इसके बाद वहां बवाल हो गया था। कई बसों में तोड़फोड़ के बाद आग लगा दी गई थी। इस मामले में चंद्रपाल सैलानी सहित दर्जनों लोगों पर मुकदमा दर्ज हुआ था। वह जेल भी गए थे।

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