सिस्टम की सुस्ती से घटी अन्नदाता की आय

अव्यवस्थाएं कभी बारदाना की कमी तो कभी गेहूं का उठान न होने से दिक्कत।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 23 Jun 2021 04:35 AM (IST) Updated:Wed, 23 Jun 2021 04:35 AM (IST)
सिस्टम की सुस्ती से घटी अन्नदाता की आय
सिस्टम की सुस्ती से घटी अन्नदाता की आय

संवाद सहयोगी, हाथरस : इस बार गेहूं क्रय केंद्रों पर सिस्टम की सुस्ती और अव्यवस्थाओं के चलते तमाम किसानों को गेहूं लेकर लौटना पड़ा। उसे मंडी के आढ़तियों के हाथों सस्ते दाम पर बेचना पड़ा। खरीद का दूसरा मौका देने पर भी अंतिम दिन तक बारदाना की कमी को लेकर क्रय केंद्रों पर किसानों ने खूब हंगामा किया। तिथि बढ़ने के बाद करीब 11 क्रय केंद्रों पर सात दिन में 1970 एमटी गेहूं की खरीद की गई।

सरकार ने किसानों को सहूलियतें देने के लिए क्रय केंद्रों के माध्यम से गेहूं की खरीद कराई। एक अप्रैल से शुरू हुए क्रय केंद्रों पर शुरू से ही बारदाने की कमी बनी रही। इसे लेकर किसानों को काफी दिक्कतें झेलनी पड़ी। अधिकारी बारदाने की कमी पूरा करने के लिए लाकडाउन में बाजार बंद होने का रोना रोते रहे। किसानों की समस्या पर कोई ध्यान नहीं दिया। अंतिम तिथि निकलने के बाद किसानों ने तिथि बढ़ाने के लिए आंदोलन किया तब खरीद को सात दिन और वक्त दे दिया। फिर भी अव्यवस्थाओं के चलते सासनी, सिकंदराराऊ, सादाबाद सहित सभी केंद्रों पर किसानों को दिक्कतें झेलनी पड़ीं। सात दिन में खरीदा 1970 एमटी

क्रय केंद्रों पर एक अप्रैल से 15 जून तक 60,700 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद हुई। वहीं 16 से 22 जून के बीच सात दिन के अंदर करीब 1970 एमटी गेहूं की खरीद के साथ अब कुल 62670 एमटी गेहूं खरीदा गया है। इसके लिए पहले 54 क्रय केंद्र बनाए गए थे। तिथि बढ़ने पर हाथरस, सिकंदराराऊ, सासनी व सादाबाद की मंडियों के 11 क्रय केंद्रों पर ही गेहूं की खरीद की गई। क्रय केंद्रों पर नहीं बेच सके 2800 किसान

क्रय केंद्रों पर गेहूं की खरीद 1975 रुपये प्रति क्विटल के हिसाब से की गई। इसके लिए जिले में करीब 19 हजार से अधिक किसानों ने पंजीकरण कराकर टोकन लिया था। कई दिन तक लाइन में लगे रहने के बाद भी किसानों का गेहूं नहीं लिया गया। बारदाने की समस्या क्रय केंद्रों पर तिथि बढ़ने के बाद भी बनी रही। इसके चलते करीब 2800 किसान गेहूं क्रय केंद्रों पर नहीं बेच सके। इनका कहना है

क्रय केंद्र पर गेहूं खरीद के लिए पंजीकरण कराया था। कई दिन से मंडी में पड़े हुए थे। अब मजबूरी में 1600 रुपये प्रति कुंटल के भाव में आढ़ती को गेहूं बेचना पड़ा है।

-बच्चू सिंह किसान, अजरोई। खरीद केंद्रों पर बारदाने की समस्या अंत तक खत्म नहीं हुई। व्यापारियों को लाभ देने के लिए किसानों को क्रय केंद्रों से लौटाया गया। अंतिम दिन भी कई किसान गेहूं नहीं बेच सके।

- धनीराम किसान, बलना। कुछ क्रय केंद्रों पर बारदाने की समस्या बनी हुई थी। उसे बाद में बारदाना मंगाकर दूर कर दिया गया। अंतिम दिन तक नियमानुसार किसानों से गेहूं की खरीद की गई।

-राजेश सिंह, विपणन अधिकारी ------------------- किसानों की परेशानी पर

कांग्रेसियों ने दिया धरना

फोटो-03

संवाद सहयोगी, हाथरस : क्रय केंद्रों पर गेहूं खरीद न हो पाने से किसान परेशान हैं। मंगलवार को कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका वाड्रा के निर्देश पर पार्टी के जिलाध्यक्ष के नेतृत्व में तमाम कांग्रेसी मंडी समिति पर पहुंचे। नारेबाजी कर कांग्रेसियों ने धरना प्रदर्शन किया। मंडी सचिव ने किसानों का गेहूं लिए जाने का आश्वासन दिया। तब जाकर कांग्रेसियों ने अपना धरना प्रदर्शन खत्म किया।

क्रय केंद्रों पर सभी किसानों का गेहूं न लिए जाने से जिले के तमाम किसान परेशान हैं। मंगलवार को कांग्रेस के जिलाध्यक्ष चंद्रगुप्त विक्रमादित्य ने मंडी समिति अलीगढ़ रोड पर किसानों के साथ धरना दिया। मंडी सचिव के आश्वासन के बाद कांग्रेसी धरने से उठे। धरना देकर सरकार से मांग की कि है कि गेहूं खरीद की तारीख एक बार फिर बढ़ाई जाए। इस दौरान शहर अध्यक्ष विनोद कुमार कर्दम, बीना गुप्ता एडवोकेट, पिटू खटीक, राधेश्याम अग्निहोत्री, विष्णु कुमार, अनिल कुमार रंगीला, सलमा बेगम, कृष्णा गुप्ता, मुबीन खान, सत्यम वशिष्ठ, पवन पंडित, रतन सिंह, रोशन लाल वर्मा, संदीप कश्यप, गिरिराज सिंह गहलोत, पन्नालाल मोहम्मद, तौसीब मौजूद थे।

'किसानों को राहत देने के

लिए तिथि बढ़ाए सरकार'

गेहूं खरीद के अंतिम दिन हाथरस की मंडी समिति स्थित क्रय केंद्र पर किसानों की भीड़ लगी हुई थी। यहां पर पूर्व केंद्रीय मंत्री व सपा के राष्ट्रीय महासचिव रामजीलाल सुमन ने पहुंचकर किसानों की समस्याएं सुनीं। उन्होंने आरोप लगाया कि क्रय केंद्रों पर प्राइवेट लोगों से गेहूं खरीदकर किसानों का अहित किया जा रहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि तिथि आगे नहीं बढ़ाने पर सपा आंदोलन करेगी।

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