जीटी रोड पर धूल के गुबार ने बढ़ाईं मुश्किलें
सिकंदराराऊ में जीटी रोड पर उड़ रही धूल से राहगीरों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
संसू, हाथरस : सिकंदराराऊ में जीटी रोड पर उड़ रही धूल से राहगीरों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। एनएचएआइ की ओर से सड़क निर्माण की सुस्त रफ्तार से लोगों में भारी नाराजगी है। आखिर लोगों को धुंध भरी यात्रा से कब निजात मिलेगी? रोड निर्माण कंपनी धूल रोकने के लिए पानी का छिड़काव भी नहीं कराती।
एनएचएआइ की ओर से अलीगढ़ से कानपुर तक जीटी रोड का चौड़ीकरण कराया जा रहा है। एक साल से निर्माण प्रक्रिया चल रही है। निर्माण कंपनी ने पूरी सड़क खोद दी है। अलीगढ़ के पनेठी से एटा तक मिट्टी तथा पत्थर डाल दिए हैं। इससे हर समय धूल उड़ती रहती है। यह लोगों को सांस लेने में तकलीफ पैदा कर रही है। वाहनों को रेंगकर चलना पड़ रहा है। अलीगढ़ तथा सिकंदराराऊ के बीच महज 40 किलोमीटर की दूरी है जिसे तय करने में दो घंटे लग रहा है। पब्लिक पीड़ा
जीटी रोड का निर्माण कार्य एनएचएआइ की ओर से बहुत धीमी गति से कराया जा रहा है। सड़क की खोदाई कर छोड़ दिया गया है। जिससे हर समय धूल उड़ती रहती है।
शरद शर्मा धूल भरे वातावरण से गुजरने में लोगों को भारी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। अधिकारियों को लोगों की इस परेशानी को समझना चाहिए। धूल न उड़े, इसके प्रबंध होने चाहिए।
-नीरज बघेल जीटी रोड पर उड़ती धूल के बीच से गुजरना लोगों के लिए बेहद मुश्किल भरा होता है, इससे प्रतिदिन गुजरने वाले लोग विभिन्न बीमारियों के शिकार हो रहे हैं।
अरविद पुंढीर अलीगढ़ जाने की हिम्मत भी नहीं जुटा पाते। इस मार्ग की बजाय दूसरे रास्तों से आते-जाते हैं। लंबे रूट की रोडवेज बसें पनेठी से कासगंज होकर सीधे निकल जाती हैं।
शशांक वाष्र्णेय वर्जन --
जीटी रोड का निर्माण कार्य जून 2021 तक हर हाल में पूरा करना है। इसके लिए कार्य तेज करने के निर्देश दे दिए गए हैं। सड़क पर उड़ने वाली धूल की समस्या को कम करने के लिए टैंकरों की संख्या बढ़ाई जा रही है, जिससे कि पानी का छिड़काव किया जा सके।
-पीपी सिंह, डायरेक्टर एनएचएआइ, अलीगढ़