पिता ग्राम प्रधान, बेटा बना अफसर
ग्वारऊ खुर्द के लाडले ने बढ़ाया परिवार और समाज का गौरव 37वीं बटालियन में आरक्षी सुरेश प्रताप अब बन गए युवा विकास कल्याण अधिकारी।
जागरण संवाददाता, हाथरस : वर्ष 2021 के शुरुआती दौर में कोरोना के कहर के दरम्यान ही हाथरस के एक परिवार में दोहरी खुशी आई है। पिता ग्राम प्रधान चुने गए तो बेटा पीएसी में आरक्षी की नौकरी करते हुए युवा विकास कल्याण अधिकारी बन गया। इस खुशी में कई दिन से गांव में मिठाई बांटी जा रही है।
हाथरस जंक्शन के गांव ग्वारऊ खुर्द के रहने वाले नौबत सिंह बघेल पेशे से शिक्षक हैं। उन्होंने सरकारी नौकरी छोड़कर गांव में पिता पन्नालाल के नाम से जूनियर हाईस्कूल खोला। मकसद पैसा कमाना नहीं, बल्कि गांव के बच्चों को शिक्षित करना और गरीब बच्चों को मुफ्त में पढ़ाना था। समाजसेवा के चलते गांव के लोग उनके दीवाने हो गए। उन्होंने नौबत सिंह को प्रधानी का चुनाव लड़ने की राय दी। गांव के लोगों के सहयोग से नौबत सिंह चुनाव लड़े और जीत गए। उनके जीतने की खुशी के बाद दूसरी खुशी उनके बेटे सुरेश प्रताप सिंह की आई। वह फिलहाल कानपुर में पीएसी की 37वीं बटालियन में आरक्षी पद पर है मगर उनकी ड्यूटी लखनऊ हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति रितुराज अवस्थी की सुरक्षा में है।
आशीर्वाद काम आया : महज 25 वर्ष के सुरेश प्रताप सिंह कहते हैं कि वह जो भी हैं उसमें माता-पिता का आशीर्वाद है और मेहनत भी। बड़ी बहन, मित्र, गुरुजन को भी श्रेय जाता है। उनका कहना है कि उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की तरफ से आयोजित युवा कल्याण एवं प्रादेशिक विकास दल अधिकारी की परीक्षा पास कर ली है। उनका चयन होने पर क्षेत्र के लोगों ने खुशी प्रकट करते हुए उन्हें बधाई दी है। अविवाहित सुरेश के दोस्त शकील का कहना है कि शुरू से ही सुरेश मेधावी रहा है और एमएससी फिजिक्स से की है। 10वीं और 12वीं सरस्वती विद्या मंदिर हाथरस से की, जिसमें प्रथम श्रेणी रही। बीएससी, एमएससी सरस्वती डिग्री कॉलेज हाथरस से किया और प्रथम श्रेणी रहे। वर्ष 2019 में पीएसी में आरक्षी के पद पर चयन हुआ था।