स्पेशल ट्रेन चलने से किसानों को मिलेगा फायदा
रेलवे ने हाथरस के किसानों की मुराद पूरी कर दी वह भी दीपावली से ठीक पहले।
जासं, हाथरस: रेलवे ने हाथरस के किसानों की मुराद पूरी कर दी, वह भी दीपावली से ठीक पहले। अब किसानों को आलू का भाव ठीक से मिल पाएगा क्योंकि गुवाहाटी, असोम में आलू के रेट दो से तीन गुने तक मिल जाते हैं। हाल ही में गुवाहाटी आलू भेजकर यहां के किसान ठीकठाक मुनाफा कमा चुके हैं और यहां भी आलू अब ताव खाने लगा है।
रेलवे ने हाथरस किला स्टेशन से एक साप्ताहिक किसान ट्रेन के संचालन का एलान किया है। यह ट्रेन हाथरस जनपद से किसानों के लिए खास होगी, क्योंकि लंबे समय से मांग की जा रही थी कि गुवाहाटी के लिए कम से कम एक ट्रेन सप्ताह में चला दी जाए ताकि किसानों को उनकी फसल पर लाभ मिल सके। अब हाथरस किला स्टेशन से किसान स्पेशल मालभाड़ा ट्रेन लखनऊ, गोरखपुर के रास्ते गुवाहाटी जाएगी। इसके लिए किसानों से बहुत ही रियायती दरों पर भाड़ा वसूल किया जाएगा।
जनपद में होने वाली आलू, गेहूं आदि तमाम उपज को कम भाड़े पर देश के अन्य कोने तक पहुंचाए जाने के लिए किसान ट्रेन का संचालन किया जा रहा है। दो दिसंबर से हाथरस किला स्टेशन से गुवाहाटी के लिए एक जोड़ी साप्ताहिक ट्रेन का संचालन किया जाएगा। इस ट्रेन में किसानों की उपज के साथ उनके बैठने की भी सुविधा होगी।
मुख्य जनसंपर्क अधिकारी उत्तरमध्य रेलवे प्रयागराज डा. शिवम शर्मा के अनुसार दो नवंबर दिन मंगलवार को ट्रेन संख्या 00191 किसान रेल सुबह पांच बजे हाथरस किला से न्यू गुवाहाटी के लिए रवाना होगी। इस ट्रेन का टूंडला, कानपुर सेंट्रल, ऐशबाग, गोरखपुर, बरौनी, कटिहार स्टेशनों पर भी ठहराव होगा। इस ट्रेन में पहली खेप आलू की रवाना होनी है।
किसानों के बोल
जनपद के किसानों को अपनी उपज का अच्छा दाम तो मिल सकेगा। किसानों के लिए स्पेशल ट्रेन चलाने की मांग काफी समय से की जा रही थी अब आकर केंद्र सरकार ने हमारी मुराद पूरी कर दी।
श्यामवीर सिंह, किसान।
बहुत खुशी हुई जब ये पता चला कि केंद्र सरकार ने किसानों के लिए साप्ताहिक ट्रेन की शुरूआत दो नवंबर करने की घोषणा कर दी है। इससे किसानों को बड़ा लाभ होगा। मुनाफा भी मिलेगा।
प्रकाश चंद्र, किसान।
अभी तक आगरा और दूसरे शहरों से ट्रेनों के जरिए सीजन की फसल दूसरे प्रांत और गैर शहर पहुंचाया जा रही थी। मगर अब हमारे जनपद को ट्रेन मिली तो इससे किसानों को बड़ा फायदा मिलेगा।
केवल सिंह समूरा, किसान।