बारिश में डूब गई किसानों की कमाई

सिकंदराराऊ और हसायन ब्लाक में धान की फसल को हुआ है भारी नुकसान।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 20 Oct 2021 01:13 AM (IST) Updated:Wed, 20 Oct 2021 01:13 AM (IST)
बारिश में डूब गई किसानों की कमाई
बारिश में डूब गई किसानों की कमाई

जासं, हाथरस : दो दिन की बारिश किसानों पर आफत बनकर टूटी है। धान और आलू के खेतों में पानी भर गया है। इससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है। किसानों का आरोप है कि उनके खेतों में हुए नुकसान का जायजा लेने अब तक कोई अधिकारी नहीं पहुंचा है। मंगलवार को बारिश न होने और धूप निकलने से किसानों को थोड़ी राहत मिली है। अब किसान पानी में डूबी फसल को निकालने में जुटे हैं।

पुरदिलनगर क्षेत्र में ग्राम नगला डांडा के समीप सुखी सिंह के लगभग 50 बीघा धान की पकी फसल खड़ी थी। रविवार और सोमवार को हुई बारिश के साथ तेज हवाओं से फसल खेतों में ही बिछ गई। दरबारी लाल के खेत में कटे पड़े धान की फसल में पानी भर जाने से वे बहुत दुखी हैं। मंगलवार को पानी से फसल को निकाल कर मेड़ पर एकत्रित करने में लगे हुए थे। कुछ किसानों ने लाहा की फसल की बोआई के लिए परेवट कर दी है। कुछ किसानों ने लाहा की फसल की बोआइ भी कर दी है। इन खेतों में पानी भर जाने के कारण बोई फसल बर्बाद हो गई। जिन खेतों में बोआई नहीं हुई है, उसमें देरी हो जाएगी।

किसान बनारसी दास के मुताबिक बेमौसम बारिश से सरसों, धान व आलू की फसल को भारी नुकसान है। इस समय का मौसम आलू व सरसों की फसल बोआई का समय है। किसान जमीन तैयार कर रहे थे, कितु खेतों में पानी भर जाने के कारण फसल में देरी होगी।

किसान रवि शर्मा ने बताया कि धान की फसल पानी में डूब गई है और जो बची थी वह पककर तैयार हो रही है। कुछ लोगों के धान कट रहे हैं। बारिश से काफी नुकसान हुआ है।

हसायन के सीधामई गांव के किसान युधिष्ठिर सिंह राना का कहना है कि उनके अलावा कई किसानों की धान की फसल को बारिश से काफी नुकसान हुआ है। अभी तक प्रशासन की ओर से नुकसान का सर्वे कराने के लिए किसी को नहीं भेजा गया है।

सादाबाद के ऊंचा गांव के किसान हरपाल सिंह ने 180 बीघा खेत में आलू की बोआई की थी। खेत में पानी भरने से जोताई और बोआई का खर्चा बेकार चला गया।

चंदपा क्षेत्र के चितावर में किसानों के खेतों में पानी भर जाने से किसान अब खेतों से पंप के सहारे पानी निकाल रहे हैं। पकी फसल में पानी भरने से किसानों को नुकसान हुआ है।

मुरसान क्षेत्र के किसानों की मानें तो खेतों में पानी भर जाने के कारण कटी फसल बर्बाद हो गई है। जो फसल नहीं कटी है उसमें भी नुकसान की संभावना बन गई है, क्योंकि वह फसल खेतों में बिछ गई है। आलू, गेहूं, सरसों की बोआई में अब देरी होगी।

मुरसान क्षेत्र में बर्बादी के बाद मुआव•ो के लिए मुख्यमंत्री को डाक और ट्विटर के माध्यम से पत्र भेजा है। सामाजिक कार्यकर्ता अखिल चौधरी ने बताया कि इस मामले को लेकर भाजपा जिलाध्यक्ष गौरव आर्य और क्षेत्रीय अध्यक्ष रजनीकांत माहेश्वरी से फोन पर बात हुई। उन्होंने आश्वासन दिया कि •िालाधिकारी से पीड़ितों को मुआव•ा दिलवाने की मांग की गई है। वर्जन

धान की फसल पकने पर काट रखी थी। इसी दौरान बारिश हो गई। इससे फसल पूरी तरह डूबने से नुकसान हो गया है। फसल खराब हो जाएगी। तो वाजिब दाम नहीं मिलेगा।

कोमल सिंह त्योहार से पहले धान की फसल पकने पर खुशी थी। अचानक बारिश होने से फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई है। अधिकारी भी नुकसान की तरफ ध्यान नहीं दे रहे हैं।

सुंदर सिंह बेमौसम बारिश से धान की फसल को सबसे अधिक नुकसान हुआ है। आलू व अन्य फसलों की बोआई के लिए भी खेतों को तैयार नहीं हो पा रहे हैं।

अर्जुन सिंह ------------------ बारिश से नुकसान हुआ

है तो मिलाइए फोन

जासं, हाथरस: जिला कृषि अधिकारी आरके सिंह ने जनपद के सभी किसानों से अपील करते हुए कहा है कि अगले दो दिन और बारिश होने की संभावना है। जिन किसानों ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत अपनी फसल का बीमा कराया है वे अपनी फसल के नुकसान की सूचना फसल बीमा कंपनी के टोल फ्री नंबर 18008896868 पर 72 घंटे के अंदर दर्ज कराएं। अधिक जानकारी के लिए फसल बीमा कंपनी के जनप्रतिनिधि से संपर्क कर सकते हैं। ये रहे संपर्क के नंबर

लोकपालसिंह, जिला मैनेजर, हाथरस मो.7292025423

मृदुल कुमार, तहसील समन्वयक, हाथरस, मो.9870642034

सुग्रीव कुमार, तहसील समन्वयक, सादाबाद, मो.7895840836.

मोहित कुमार, तहसील समन्वयक, सिकंदराराऊ, मो.9997848671

विजय कुमार, तहसील समन्वयक, सासनी, मो.6397139982 वर्जन

आंधी-तूफान और बारिश से अगर 35 फीसद से अधिक फसल का नुकसान होता है, तो उसका मुआवजा देने का निर्देश शासन का है। अभी तक उनके पास ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं आई है।

-जेपी सिंह, एडीएम वित्त एवं राजस्व हाथरस

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