कोरोना काल में परिवार ने जानी एक-दूसरे की अहमियत

विश्व परिवार दिवस पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की कुटुंब प्रबोधन गतिविधि की ओर आनलाइन मीटिंग हुई।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 15 May 2021 11:35 PM (IST) Updated:Sat, 15 May 2021 11:35 PM (IST)
कोरोना काल में परिवार ने जानी एक-दूसरे की अहमियत
कोरोना काल में परिवार ने जानी एक-दूसरे की अहमियत

जासं, हाथरस : विश्व परिवार दिवस पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की कुटुंब प्रबोधन गतिविधि की ओर से परिवारिक सहभोज का आयोजन किया गया। निर्धारित दिनचर्या के अनुसार पूरे परिवार के साथ मिलकर विभिन्न सेवा कार्य किए गए। वहीं, पाजिटिबिलिटी अनलिमिटेड व्याख्यानमाला के समापन कार्यक्रम में संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत के उद्धबोधन को स्वयंसेवकों ने इंटनेटमीडिया के माध्यम से पूरे परिवार के साथ सुना।

स्वयंसेवक बंधुओं ने निराश्रित जीवों को भोजन, घर की स्वच्छता, धार्मिक साहित्यों का अध्ययन, परिवार के साथ चर्चा भी की। आदर्श हिदू परिवार पर आनलाइन व्याख्यान हुआ, जिसमें परिवार के महत्व को बताया गया। इसके बाद रात आठ बजे परिवार के साथ भोजन मंत्र के साथ सहभोज किया।

आदर्श हिदू परिवार पर आनलाइन संबोधित करते हुए संगठन मंत्री विद्या भारती ख्यालीराम ने परिवार के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हर व्यक्तित्व के जीवन में उसके परिवार का काफी महत्व होता है। वो एक परिवार ही तो है जो हमेशा हमारे दुख-सुख में हमारे साथ खड़ा रहता है। समाज को बिना परिवार के कल्पना करना असंभव है। परिवार ही है जो हमें एक दूसरे से जोड़ने के लिए अहम भूमिका निभाता है। आदर्श हिदू परिवार में त्याग, बलिदान, सेवा, समर्पण का समन्वय होता है। वहां प्रेम व सहयोग का भाव होता है। एक दूसरे का सम्मान होता है। कोरोना ने परिवार के लोगों को एक-दूसरे की अहमियत से परिचित कराया है।

उन्होंने कहा कि व्यक्ति परिवार के बिना अधूरा है। पहले लोग सामूहिक परिवार में ही रहते थे। यह दिन एक दूसरे के प्रति सम्मान और जिम्मेदारी का भी एहसास दिलाता है। उन्होंने समाज के सभी लोगों से संयुक्त परिवार में रहने का आग्रह किया।

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