महंगे हुए डीजल का कमाई पर कहर

दोहरी मार बैंक की किस्त व परिवहन शुल्क जमा नहीं कर पा रहे ट्रांसपोर्टर।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 18 Jun 2021 12:53 AM (IST) Updated:Fri, 18 Jun 2021 12:53 AM (IST)
महंगे हुए डीजल का कमाई पर कहर
महंगे हुए डीजल का कमाई पर कहर

जासं, हाथरस : कोरोनाकाल से आहत ट्रांसपोर्ट कारोबारियों पर डीजल की महंगाई से दोहरी मार पड़ रही है। हालात यह हो गई है कि बैंकों और फाइनेंसरों की किस्त और परिवहन शुल्क भी जमा नहीं कर पा रहे हैं। कारोबारियों ने मांग रखी है कि उन्हें किस्त और परिवहन शुल्क में छूट दी जाए। ट्रांसपोर्टरों ने यहां तक कहा है कि सरकार उन्हें आत्महत्या की ओर धकेलने का काम कर रही है।

ये हैं समस्याएं : कोरोना की दूसरी लहर से माल की आवक और बाहर मांग कमजोर पड़ी है। इसके कारण ट्रांसपोर्टरों की कमाई पर असर पड़ा है। ट्रांसपोर्टरों का कहना है कि जनपद में 500 ट्रक हैं। इसमें बमुश्किल 150 ट्रकों से ही माल की ढुलाई हुई है। अधिकांश खड़े रहे। सिर्फ दूध, दवा, किराना, सब्जी व अन्य जरूरी सामान में ट्रक चले। जो भी भाड़ा मिला वह टोल टैक्स और डीजल में चला गया। इससे उनकी बैंक और प्राइवेट फाइनेंसरों की किस्त नहीं निकल पाई। उनकी मांग है कि किस्त में छूट के साथ परिवहन शुल्क छह माह का माफ किया जाए। एक साल में डीजल पर बढ़

गए 15 रुपये प्रति लीटर

ट्रांसपोर्टरों का कहना है कि कोरोना की पहली और दूसरी लहर के बीच डीजल के दाम में 15 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी हो गई है। पिछली साल डीजल के भाव 72 रुपये प्रति लीटर थे जोकि अब बढ़कर 87 रुपये प्रति लीटर हो गए हैं। हाथरस गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष किशनलाल शर्मा व सचिव अमित बंसल का कहना है कि ट्रांसपोर्टरों की रोजी-रोटी छिन रही है। जैसे पहले किसान आत्महत्या कर रहे थे, वैसी ही स्थिति ट्रांसपोर्टरों के सामने आ रही है। सरकार डीजल के दाम घटाने के साथ किस्तों में छूट और परिवहन शुल्क छह महीने का माफ करवाए।

chat bot
आपका साथी