सहजन और पीपल से सुधरेगी जिले के पर्यावरण की सेहत
बरगद जामुन व अन्य प्रजातियों के लगेंगे पौधे औषधीय पौधों को भी दी जाएगी पौधारोपण में बरीयता।
संवाद सहयोगी, हाथरस : वन विभाग ने पौधारोपण को लेकर विशेष तैयारी की है। लोगों के उत्साह को देखते हुए विभागीय अधिकारियों ने इस बार पीपल, बरगद के पौधों की संख्या में इजाफा किया है। ऑक्सीजन बढ़ाने वाले वृक्षों की प्रजाति पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
प्रदूषण को दूर करने के लिए वृक्षों का विशेष महत्व है। इनसे हरियाली तो आती ही है, पर्यावरण भी संतुलित बना रहता है। जीवनदायिनी ऑक्सीजन भी हमे पौधों से ही प्राप्त होती है। वैश्विक महामारी कोरोना काल में ऑक्सीजन के लिए हुई मारामारी से लोगों को वृक्षों का महत्व अच्छी तरह समझ आ गया।
पांच पीपल रोपेंगे प्रधान :
जिला प्रशासन ने पौधारोपण को बढ़ावा देने के लिए नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधियों को पौधारोपण के लिए प्रेरित किया है। प्रत्येक ग्राम प्रधान पीपल के पांच-पांच पौधे अपने क्षेत्रों में रोपेंगे। इसके अलावा पौधारोपण अभियान में भी उन्हें सहयोग करना होगा। प्रभागीय वनाधिकारी वीके सिंह ने बताया कि शपथ के समय प्रधानों को पौधे वन विभाग की ओर से उपहार के रूप में भी दिए जा रहे हैं।
वन विभाग ने पौधारोपण के लिए नर्सरी तैयार करनी शुरू कर दी है। अब अधिक ऑक्सीजन देने वाले पौधों में इजाफा किया जा रहा है। इसमें सहजन के 30,000, पीपल के पांच हजार, बरगद के चार हजार, नीम के 20,000, जामुन के 15,000, शीशम के 50,000 पौधे शामिल किए गए हैं। इस बार जिले में 22 लाख पौधों का रोपण जुलाई में किया जाएगा। गैर राज्यों से आए प्रवासियों को भी देंगे राशन
जासं, हाथरस : 'एक राष्ट्र-एक राशन कार्ड' की पहल के साथ राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी के तहत गैर राज्यों से आए प्रवासियों को भी मुफ्त राशन दिया जाएगा। आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत दूसरे प्रदेशों से जिले में आए सभी प्रवासियों को मुफ्त खाद्यान्न मुहैया कराया जाएगा। विशेष अभियान चलाकर उनके राशन कार्ड बनवाए जाएंगे। इससे नगरीय क्षेत्रों के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में निजी साधनों से आए कामगारों को भी इसका लाभ दिया जाएगा। इस संबंध में जिला पूर्ति अधिकारी सुरेंद्र सिंह यादव ने बताया कि शासन के निर्देश हैं कि गैर राज्य या गैर शहर से जो प्रवासी गांव आए हैं उनको भी मुफ्त में राशन दिया जाए। प्रवासी किसी भी राशन की दुकान से राशन पा सकते हैं। पांच जून से फिर मुफ्त में गरीबों को गेहूं और चावल की सुविधा दी जाएगी।