अभी दूर की कौड़ी है राजमार्ग पर सफर का सपना
धीमी गति से कार्य चलने से समय पर पूर्ण होने की संभावनाएं समाप्त - तीन महीने नहीं हुआ काम बरसात में परेशानी झेलने को तैयार रहें लोग
संसू, हाथरस : सिकंदराराऊ में लॉकडाउन एवं कोरोना संक्रमण का प्रभाव एनएच-91 के चौड़ीकरण के कार्य पर भी साफ देखा जा सकता है। जिसकी रफ्तार 3 महीने से बिल्कुल थम गई है। इसके चलते अब जून 2021 तक पूरा होने की उम्मीद खत्म हो गई है।
अलीगढ़ से कानपुर तक प्रस्तावित एनएच 91 का चौड़ीकरण एनएचएआई द्वारा इस रोड को 5 भागों में बाट कर कराया जा रहा है। इस कार्य को कराने के लिए पाच अलग-अलग कंपनियों को काम का ठेका दिया गया है। इसमें मैनपुरी सेक्शन की निर्माण कंपनी सबसे तेज गति से काम कर रही है, जबकि अलीगढ़ सेक्शन का ठेका लेने वाली कंस्ट्रक्शन कंपनी का कार्य सबसे धीमा है। एटा और मैनपुरी जनपद की सीमा में निर्माण कार्य काफी आगे बढ़ चुका है, जबकि अलीगढ़-हाथरस जिले की सीमा में काम आते ही गति धीमी हो गयी। लॉकडाउन के बाद से तो कार्य लगभग बंद सा है। जून में काम शुरू हुआ लेकिन रफ्तार सुस्त है, जिसके चलते कार्य को जून 2021 में पूरा हो पाना असंभव प्रतीत होता है।
मानसून बनेगा रोड़ा
मानसून दस्तक दे चुका है, जिसके चलते काम को जारी रख पाना संभव नहीं होगा। बारिश का पानी सड़क पर भरने से लोगों को आवागमन में दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। लोगों को अलीगढ़ से कानपुर के बीच आरामदायक सफर के लिए कम से कम दिसंबर 2021 तक इंतजार करना होगा।
इनका कहना है
एनएच-91 का कार्य बहुत धीमी गति से चल रहा है, जिससे आवागमन में भी लोगों को परेशानी हो रही है। सड़क पर वाहनों के निकलने के कारण धूल उड़ती रहती है। सड़क का निर्माण तीव्र गति से कराया जाए।
नवेद अहमद खां, व्यापारी जिस गति से पिछले 1 वर्ष में कार्य हुआ है। उसे देखकर नहीं लगता कि अलीगढ़ से लेकर एटा तक का निर्माण कार्य समय पर पूरा भी हो पाएगा। अभी तक पूरी तरह समतलीकरण का कार्य नहीं हो सका है। कार्य की गति को बढ़ाया जाना चाहिए।
विजय प्रताप सिंह, युवा समाजसेवी एटा और मैनपुरी सेक्शन की अपेक्षा अलीगढ़ सेक्शन का कार्य पहले से ही काफी धीमी गति से हुआ है। लॉकडाउन के बाद कार्य को जारी रखने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा है। समय से कार्य पूरा कराने के लिए संबंधित निर्माण कंपनी को निर्देश दिए गए हैं। कोरोना संक्रमण के कारण बिगड़े समय की भरपाई के लिए कार्य की सीमा कुछ महीने और बढ़ानी पड़ेगी।
पीपी सिंह, प्रोजेक्ट मैनेजर एनएचएआई अलीगढ़